Waqf Bill 2025: JDU के बाद लोजपा को लगा झटका, वक्फ बिल के समर्थन से नाराज नेता ने दिया इस्तीफा
वक्फ बिल के पास होने से मुस्लिम समुदाय में रोष है। उनका कहना है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ चुनावी हथकंडा है। जदयू अल्पसंख्यक सेल के जिलाध्यक्ष सह बीससूत्री सदस्य जफर आलम ने भी इस बिल का विरोध किया है। वहीं लोजपा रामविलास अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मु. अली आलम ने इसका विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया है।
जागरण संवाददाता, बांका। सदन में वक्फ बिल पास होने के बाद मुस्लिम संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। धोरैया से लगातार जिला पार्षद रहे रफीक आलम कहते हैं कि वक्फ दान की मिली भूमि का बोर्ड है। इसमें मुस्लिम समुदाय का मस्जिद, मदरसा, खानकाह, कब्रिस्तान आदि की जमीनों को शामिल किया गया है।
रफीक आलम ने बताया चुनावी हथकंडा
रफीक आलम ने कहा कि वक्फ पर राजनीति चुनावी हथकंडा है। आने वाले समय में कई राज्यों में चुनाव है। इसलिए सरकार इसे हवा दे रही है।
इमरते सरिया के जिलाध्यक्ष मौलाना युनूस कासमी कहते हैं कि किसी ने धार्मिक स्थलों के लिए सौ, दो सौ साल पूर्व यह जमीन दान की है। इसके बाद से उसका इस पर कब्जा है।
वक्फ की कोई जमीन सरकार की नहीं
वक्फ की कोई जमीन सरकार की नहीं है। अब इस जमाने लोग अपने निजी जमीन का कागज ठीक नहीं कर पाते हैं। ऐसे में धार्मिक जमीन का कागज ठीक करवा पाना मुश्किल है।
इसमें सुनवाई के लिए जिलाधिकारी को अधिकार दिया गया है। मगर उनके पास भी जमीनों का कागज चाहिए। निश्चित रूप से यह बिल धार्मिक भेदभाव वाला है।
उलेमा काउंसिल के जिलाध्यक्ष मु. कमाल कहते हैं कि वक्त बिल पर संगठन की बैठक है। अभी बिल का अध्ययन नहीं किया गया है। जुबानी बात सुनी गई है। इसका अध्ययन करने के बाद भी इसके नफा नुकसान पर संगठन अपना पक्ष रखेगा।
सूईया मदरसा के सदस्य मु. अख्तर हुसैन बताते हैं कि धार्मिक मसले में सियासत की दखलअंदाजी बिल्कुल ठीक नहीं है। देश में अमन चैन बनाए रखने के लिए इसकी कोई जरूरत नहीं थी।
जेडीयू नेता ने किया विरोध
जदयू अल्पसंख्यक सेल के जिलाध्यक्ष सह बीससूत्री सदस्य जफर आलम भी इस बिल के खिलाफ हैं। वे कहते हैं कि बिल पूरी तरह मुसलमानों के खिलाफ है। किसी के धार्मिक स्थल में आप दूसरे धर्म के लोगों को सदस्य बना रहे हैं। यह कैसे संभव है।
लोजपा नेता ने किया इस्तीफे का एलान
लोजपा रामविलास अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मु. अली आलम भी इस बिल के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि बिल मुसलमानों के खिलाफ है। उनकी पार्टी ने इसका सदन में समर्थन किया है। इसके खिलाफ वे पार्टी से त्यागपत्र देने जा रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।