बीडीओ साहब, मैं जिंदा हूं… फिर भी मृत घोषित कर बंद कर दी पेंशन
बांका जिले के जयपुर पंचायत में विभागीय लापरवाही से जीवित बुजुर्गों को मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी गई। पेंशन राशि 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये करने के बाव ...और पढ़ें

बीडीओ साहब, मैं जिंदा हूं… फिर भी मृत घोषित कर बंद कर दी पेंशन
संवाद सूत्र, जयपुर (बांका)। जयपुर पंचायत में विभागीय लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां जीवित बुजुर्गों को कागजों में मृत घोषित कर उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन बंद कर दी गई। सरकार ने बुजुर्गों, विधवाओं और सहायिकाओं को राहत देने के उद्देश्य से पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह की है, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशासनिक लापरवाही इस योजना के उद्देश्य पर पानी फेरती नजर आ रही है।
नारायणपुर गांव निवासी बुजुर्ग बिहारी शर्मा ने बताया कि उन्हें कई महीनों से पेंशन नहीं मिल रही थी। जब उन्होंने मुखिया सुनीता मुर्मू से इसकी शिकायत की, तो जांच में सामने आया कि सरकारी रिकार्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है।
इसी पंचायत के खैरखुंटी गांव निवासी ईश्वर यादव काफी बीमार है उनके साथ भी यही स्थिति है। उनका भी पेंशन स्टेटस जांचने पर ‘मृत’ दर्शाया गया, जबकि वे जीवित हैं और पेंशन के बिना वो इलाज भी नहीं कर पा रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह समस्या किसी एक व्यक्ति या गांव तक सीमित नहीं है। जानकारी के अनुसार, लगभग हर पंचायत में कुछ पेंशनधारियों की पेंशन इसी तरह होल्ड या बंद है। पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्गों को आर्थिक संकट के साथ मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ रहा है।
लाभुक का आरोप है कि बिना भौतिक सत्यापन और उचित जांच के ही रिकार्ड में मनमाने ढंग से मृत्यु दर्ज कर दी जाती है। इससे न केवल पात्र लाभुक वंचित हो रहे हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब जरूरत है कि प्रखंड और जिला स्तर पर विशेष जांच अभियान चलाकर ऐसे मामलों को तुरंत सुधारा जाए, दोषी कर्मियों पर कार्रवाई हो और प्रभावित पेंशनधारियों को बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। वरना “मैं जिंदा हूं...” की गुहार लगाते बुजुर्गों की आवाज यूं ही फाइलों में दबी रह जाएगी।
मृत घोषित पेंशनधारियों का पेंशन चालू करना प्राथमिकता है। दूसरा किस प्रमाण पत्र के आधार पर लाभुक को मृत घोषित किया गया है, इसकी जांच कर ठोस कार्रवाई की जाएगी। - देवाशीष कुमार बीडीओ कटोरिया
जयपुर पंचायत के दो पेंशन लाभार्थी जीवित रहते भी उसे मृत्यु घोषित कर दिया गया है जबकि दो दर्जन से अधिक लाभार्थी पेंशन रुक जाने की शिकायत कर चुके हैं। - सुनीता मुर्मू, मुखिया जयपुर पंचायत

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