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    Banka News: सड़क और पुलिया के लिए तरस रहे हैं गांव के लोग, बारिश में घरों में कैद हो जाती जिंदगी

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 04:01 PM (IST)

    बांका जिले के बिरनियां पंचायत स्थित पहाड़पुर और सुपाहा गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों को पक्की सड़क और पुलिया का इंतजार है खासकर बरसात के मौसम में उनका संपर्क प्रखंड और शहर से कट जाता है। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से कई बार गुहार लगाई है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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    सड़क और पुलिया न होने से गांव के ग्रामीण को रही है परेशानी। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, चांदन (बांका)। प्रखंड की बिरनियां पंचायत के अंतर्गत पहाड़पुर और सुपाहा गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। आजादी के दशकों बाद भी इन गांवों को पक्की सड़क और नदी पर पुलिया नसीब नहीं हुई है। बरसात के दिनों में हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि गांव के लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं।

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    नदी का जलस्तर बढ़ने पर ग्रामीणों का प्रखंड कार्यालय या शहर से संपर्क पूरी तरह कट जाता है। स्थानीय मुखिया रंजीत पंडित ने बताया कि दोनों गांव मिलाकर लगभग दो हजार की आबादी है।

    इसको लेकर कई बार सांसद और विधायक से इस गांव में सड़क और पुलिया की मांग के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया है। प्रशासन भी इसके लेकर शिथिल है। सबसे ज्यादा बरसात के दिनों में महिलाओं को प्रसव पीड़ा में परेशानी होती है।

    प्रोन्नत मध्य विद्यालय पहाड़पुर के प्रधानाध्यापक चंद्रिका पंडित ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ जाने और स्कूल तक सड़क नहीं होने से हम सभी शिक्षकों को विद्यालय तक पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है। जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

    अरुण तांती ने बताया कि नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हम ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नदी में जल स्तर बढ़ जाने से न बाजार, अस्पताल मुख्यालय जाना सभी बंद हो जाते हैं।

    बारिश के दिनों में गांव मानो टापू बन जाता है। हम सभी की जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अपील है कि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें और शीघ्र समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

    स्थानीय बुजुर्ग पंचानंद तांती ने कहा हर साल बरसात में यही हालत होती है, लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली। नदी का पानी गांव में घुस आता है और रास्ता बंद हो जाता है। हम वृद्ध लोग तो बिल्कुल ही असहाय हो जाते हैं।

    उम्मीद करते हैं कि इस बार अधिकारी और जनप्रतिनिधि गांव की पीड़ा को समझेंगे और पुल व सड़क निर्माण की दिशा में काम शुरू करेंगे।

    समाजसेवी गोविंद दास ने बताया कि आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी सुपहा और पहाड़पुर जाने के लिए न तो पीसीसी सड़क है और न ही नदी पर पुल पुलिया का निर्माण हो पाया है। केवल आश्वासन ही मिला है। इधर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि इस समस्या को दूर किया जाएगा।

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