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    Banka News: 1.65 लाख एकड़ जमीन पर तीन हजार लोगों का अवैध कब्जा, ऑनलाइन जमाबंदी में सामने आई गड़बड़ी

    By Bijendra Kumar RajbandhuEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 22 Nov 2023 04:50 PM (IST)

    बिहार के बांका में सरकारी जमीन की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज समेत तमाम सरकारी प्रतिष्ठान जमीन के अभाव में लंबित हैं। इसकी मुख्य वजह सरकारी जमीन पर लोगों का अवैध कब्जा है। बांका में बड़ी संख्या में लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। ऐसे लोगों से सरकारी जमीन कब्जा मुक्त होने से जमीन की समस्या दूर हो सकती हैं।

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    जमीन की जमाबंदी आनलाइन के क्रम में सामने आई गड़बड़ी (सांकेतिक फोटो)

    बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। बांका जिले में सरकारी जमीन की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद, मेडिकल कॉलेज से लेकर कई सरकारी प्रतिष्ठान जमीन के अभाव में लंबित हैं।

    बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां सोलर प्लांट से लेकर इथेनॉल की इकाई स्थापित के लिए लालायित हैं, लेकिन ऐसी कंपनियों को जमीन नहीं मिल रही है। इसकी मुख्य वजह सरकारी जमीन पर लोगों का अवैध कब्जा है।

    65 हजार एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा

    बांका में बड़ी संख्या में लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। ऐसे लोगों से सरकारी जमीन कब्जा मुक्त होने से जमीन की समस्या दूर हो सकती हैं।

    सरकारी आंकड़ा कहता है कि जिले में एक लाख 65 हजार एकड़ जमीन पर लगभग तीन हजार से अधिक लोगों ने कब्जा कर रखा है।

    ऐसे खुली कब्जाधारियों की पोल

    सरकार के आदेश पर प्रशासन द्वारा जब जमीन की ऑनलाइन जमाबंदी शुरु की गई, तो इसकी गड़बड़ी पकड़ी गई है। इसमें 48 हजार से अधिक खसरा की जमीन है, जबकि 50 हजार से अधिक प्लांटों की संख्या है।

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    राज्य मुख्यालय ने जब इसकी सूची जारी की, तो अवैध कब्जाधारियों के होश होड़ गए हैं। इस संबंध में एडीएम माधव कुमार सिंह ने कहा कि राज्यस्तर पर जमाबंदी के आनलाइन रिपोर्ट भेजने पर गड़बड़ी सामने आई है। जमीन की पहचान कर संबंधित लोगों को नोटिस दिया जाएगा।

    1991 को बांका जिला की हुई है स्थापना

    दरअसल, पहले बांका अनुमंडल भागलपुर जिले का अंग था। 21 फरवरी 1991 को बांका जिला की स्थापना हुई थी। जंगल व पहाड़ी क्षेत्र के कारण लोग जमीन के प्रति जागरुक नहीं थे। यातायात की बेहतर सुविधा नहीं होने के कारण लोग भागलपुर जिले का चक्कर नहीं लगा पाते थे।

    धौरी धर्मशाला के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि इस कारण भी जमीन के शाैकिन लोगों ने जैसे-तैसे हजारों एकड़ जमीन अपने नाम कर लिए। अभी भी ककवारा, बांका सहित अन्य क्षेत्रों में कुछ लोग जमीन की फर्जी जमाबंदी कायम करने का ठेका लिए हुए हैं।

    सरकारी ऑनलाइन में 50 हजार से अधिक जमाबंदी दो-दो व्यक्तियों के नाम कायम होने के सबूत मिले थे। इसको लेकर एडीएम द्वारा कई लोगों को नोटिस दिए थे।

    कब्जा मुक्त कराई गई 511 एकड़ जमीन

    ज्ञात हो कि डीएम अंशुल कुमार के नेतृत्व में एडीएम माधव कुमार सिंह ने 91 से अधिक से लोगों के कब्जे से 511 एकड़ से अधिक जमीन कब्जा मुक्त कर पौधारोपण कराया है।

    प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार नक्सल प्रभावित बेलहर, चांदन, कटोरिया अंचल में अधिक जमीन पर लोगों का कब्जा है। इसके अलावा बौंसी, बांका, अमरपुर, रजौन सहित अन्य अंचलों में जमीन है।

    जमाबंदी आनलाइन में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा की बात सामने आई है। रिपोर्ट राज्य मुख्यालय से जारी हुई है। रिपोर्ट आकलन कर संबंधित लोगों को नोटिस किया जाएगा। प्रशासन इसके पहले 44 करोड़ रुपये मूल्य की 511 एकड़ से अधिक जमीन को 91 लोगों से कब्जा मुक्त कराया है। जिस पर डीएम अंशुल कुमार के नेतृत्व में पौधारोपण कराया गया है।

    माधव कुमार सिंह, एडीएम, बांका

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