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    Winter Health: ठंड से बढ़ा इस्नोफिलिया का खतरा, बच्चों और बुजुर्गों पर रखें विशेष ख्याल

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 02:03 PM (IST)

    बांका जिले में ठंड के मौसम में इस्नोफिलिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। नवजात, छोटे बच्चे और वृद्ध इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ठंडा भोजन, पान ...और पढ़ें

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    इस्नोफिलिया के लक्षण और उपचार। फोटो एआई जनरेटेड

    संवाद सहयोगी, बांका। ठंड के मौसम में जिले में बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इन दिनों इस्नोफिलिया (इओसिनोफिलिया) नामक बीमारी लोगों को सबसे अधिक अपनी चपेट में ले रही है।

    खासकर नवजात, छोटे बच्चे और वृद्ध इस बीमारी से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ठंडा भोजन, ठंडा पानी और बदलते मौसम के कारण इस बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।

    सदर अस्पताल के ओपीडी में रोजाना करीब तीन दर्जन मरीज इस्नोफिलिया की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों की देखरेख में सभी मरीजों का समुचित इलाज किया जा रहा है।

    सदर अस्पताल में ओपीडी में तैनात चिकित्सक डॉ. विक्रम सत्यार्थी ने बताया कि इन दिनों इओसिनोफिल्स नामक सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ने के कारण लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं।

    इसे चिकित्सकीय भाषा में इस्नोफिलिया कहा जाता है। यह बीमारी अधिकतर एलर्जी के कारण होती है और ठंड के मौसम में इसके मामले बढ़ जाते हैं।

    थकान, सांस की परेशानी सहित कई लक्षण

    डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि इस बीमारी में मरीजों को अत्यधिक थकान, सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी, पेट दर्द, दस्त और त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। बच्चों और वृद्धों में इसका असर अधिक देखा जा रहा है। समय पर इलाज नहीं होने पर समस्या गंभीर हो सकती है।

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    चिकित्सक ने बताया कि यदि बच्चों या वृद्धों में असामान्य थकान, सांस की परेशानी या एलर्जी के लक्षण दिखें तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। साथ ही एलर्जी टेस्ट भी जरूरी है। बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।

    आहार में करें बदलाव, घरेलू उपाय भी कारगर

    डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि इस्नोफिलिया से बचाव और राहत के लिए आहार में अदरक, मेथी, हरी सब्जियों और साग का अधिक उपयोग करना चाहिए। साथ ही शहद और गुनगुने पानी का सेवन लाभकारी होता है। ठंडा पानी और ठंडे खाद्य पदार्थों से परहेज जरूरी है।

    चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि ठंड के मौसम में बच्चों और नवजातों का विशेष ध्यान रखें, गर्म कपड़े पहनाएं और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में जांच कराएं।