बांका में ई-केवाईसी होने के बावजूद राशन कार्ड से काटे जा रहे नाम, वजह को लेकर अधिकारी भी दंग
राशनकार्ड धारकों को 31 मार्च तक ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है इसके बाद उनका नाम राशन कार्ड से कट सकता है। इस वजह से प्रदेश के ज्यादातर जिलों में राशनकार्ड धारकों ने ई-केवाईसी करा ली हैं। इस बीच बांका से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां ई-केवाईसी कराने के बाद भी गरीब परिवारों का नाम राशन कार्ड से काटा जा रहा है।

संवाद सहयोगी, चांदन (बांका)। प्रखंड में इन दिनों बड़ी संख्या में राशन कार्ड से नाम कटने की शिकायत से गरीब परिवार की परेशानी बढ़ती जा रही है। वही नाम कटने वाले परिवार नाम कटने के कारण और फिर से नाम जुड़वाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। पीडीएस दुकानदार भी लाभुकों को जबाब दे-देकर परेशान हो गए हैं।
पीसीएस दुकानदारों की बढ़ी परेशानी
कुछ पीसीएस दुकानदारों का कहना है कि सरकारी घोषणा के बाद सभी लाभुकों द्वारा ई-केवाईसी भी करा लिया गया है। इसके बाबजूद भी बड़ी संख्या में नाम कटने की शिकायत है, जिसमें अधिकतर ऐसे परिवार के लाभुक शामिल है जिसके घर में मात्र एक विधवा महिला है।
गरीबों के काटे जा रहे नाम
साथ ही साथ कई गरीब परिवार ऐसे भी है, जिसमें आय का कोई साधन नही है। इसमे मुख्य रूप से माधवी देवी, अनिता देवी, सविता देवी, बिंदु देवी, काजल देवी, बबिता देवी,सहित हर पंचायत के वार्ड में सैकड़ो नाम काट दिए गए हैं।
इस संबंध में पीडीएस दुकानदार, प्रखंड अध्यक्ष बेचू यादव, अकबर अली, प्रियचंद आजाद, विनोद पांडेय का कहना है कि नाम कटने के सही कारण की उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है।
एमओ संदीप वर्णवाल का कहना है कि ई-केवाईसी कराने वाल लाभुकों का नाम क्यों काटा गया, इसकी उन्हें भी कोई सही जानकारी नही है। मेरे भी संज्ञान में यह बात आई है कि जिस लाभुक का नाम काटा गया है, उसे फिर से ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया है। उसकी स्वीकृति तत्काल प्रभाव से कर दी जाएगी, लेकिन इसमे वास्तविक लाभुक को ही लाभ मिलेगा। गलत ढंग से लाभ पाने वाले पर कार्रवाई भी हो सकती है।
संदीप वर्णवाल, एमओ
रामपुर में 85 प्रतिशत राशनकार्ड धारकों ने कराया ई-केवाईसी
स्थानीय प्रखंड के सभी राशनकार्ड धारकों को 31 मार्च तक ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। इसके बाद उनको अनाज से वंचित होना पड़ेगा। साथ ही उनके राशनकार्ड भी रद हो सकते हैं। प्रखंड आपूर्ति कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक महज 85 प्रतिशत लोगों ने ही ई-केवाईसी कराया है।
बता दें कि राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशनकार्ड धारक परिवारों के सभी सदस्यों का ई-केवाईसी किया जाना अनिवार्य है। वहीं ई-केवाईसी के लिए 31 मार्च का समय निर्धारित किया गया है। यदि निर्धारित तिथि तक ई-केवाईसी नहीं हो सका तो राशनकार्ड से नाम कटने की संभावना है।
ऐसे कराएं ई-केवाईसी
राशनकार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी कराना आसान है। ई-केवाईसी करवाने के लिए सबसे पहले राशनकार्ड धारक को अपने आधार कार्ड और राशनकार्ड के साथ नजदीकी सरकारी जन वितरण प्रणाली की दुकान पर जाना होगा। पीडीएस दुकानदार के पास उपलब्ध मशीन पर अपनी पहचान का सत्यापन कराना होगा।
कहीं भी करा सकते हैं ई-केवाईसी
इसके लिए पास मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। फिंगरप्रिंट का सत्यापन कराने के बाद ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशन डीलर से एक बार पुष्टि जरूर कर लेनी होगी।
ग्रामीण इलाकों के नौकरी-पेशा लोग अपना गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करते हैं। ऐसे लोग देश में कहीं भी राशनकार्ड का ई-केवाईसी करा सकते हैं।
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