औरंगाबाद: स्कूल में सिर्फ एक कमरा, बरसात में छत से टपकता है पानी; खेल मैदान का भी अभाव
औरंगाबाद के हसपुरा में एक सरकारी विद्यालय की स्थिति चिंताजनक है। विद्यालय में संसाधनों की कमी है, खासकर कमरों की। कन्या उच्च विद्यालय में पर्याप्त कमर ...और पढ़ें
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संवाद सूत्र, हसपुरा (औरंगाबाद)। सरकारी विद्यालयों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। संसाधनों की कमी के कारण प्रखंड मुख्यालय एवं गांवों में ऐसे विद्यालयों की संख्या बहुत कम है, जहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हों।
प्रखंड मुख्यालय स्थित इंटर कन्या उच्च विद्यालय में केवल छात्राएं पढ़ती हैं, लेकिन यहां कक्षाओं के लिए पर्याप्त कमरे नहीं हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक शाहीना प्रवीण ने बताया कि विद्यालय में कुल पांच कमरे हैं, जिनमें से एक का उपयोग शिक्षण कार्य के लिए किया जाता है। चार कमरों के अलावे बरामदे और कर्मचारी रूम की छत की दीवारों में दरारें हैं, जिससे भवन की स्थिति बेहद खराब हो गई है।
वर्षा के दौरान, विद्यालय में पढ़ाई करना अत्यंत कठिन हो जाता है, क्योंकि चार कमरों की छत से पानी टपकता है। छात्राएं कभी छत की ओर तो कभी अपनी किताबों की ओर देखती रहती हैं। विद्यालय में इंटर में 80, कक्षा 10 में 208 और कक्षा 9 में 216 छात्राएं नामांकित हैं। कुल मिलाकर 24 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन वर्षा के मौसम में छात्राओं की उपस्थिति में कमी आती है। जर्जर कमरों में पढ़ाई कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
छात्राओं रागिनी कुमारी, पिंकी कुमारी, सलोनी कुमारी, वर्षा कुमारी और सविता कुमारी ने बताया कि कमरे में बैठकर पढ़ाई करना बहुत मुश्किल है। बरामदे की छत से लगातार पानी टपकता रहता है। विद्यालय की स्थापना 1980 में हुई थी, और यहां रसोई घर, पानी और शौचालय की व्यवस्था है, लेकिन खेल मैदान का अभाव है।
छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए खेल का मैदान होना आवश्यक है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। खेल शिक्षक उपेंद्र कुमार ने बताया कि खेल मैदान की कमी के बारे में विभाग को सूचित किया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शिक्षा के साथ-साथ खेल का होना भी आवश्यक है, ताकि छात्राएं अपनी प्रतिभा को विकसित कर सकें।

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