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    कुंभ के मेले में खो गए थे प‍िता; 24 वर्ष बाद म‍िले तो बिलख पड़े औरंगाबाद के संतोष, कैसे हुए थे गायब?

    By Mayank Kumar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 08:56 PM (IST)

    रामप्रवेश महतो, जो 24 साल पहले कुंभ मेले में लापता हो गए थे, अब जालंधर के एक वृद्धाश्रम में जीवित पाए गए हैं। औरंगाबाद के बारुण प्रखंड के भोपतपुर पंचा ...और पढ़ें

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    वृद्धाश्रम में संचालक एवं पिता के साथ संतोष कुमार।

    संवाद सूत्र, बारुण (औरंगाबाद)। बारुण प्रखंड के भोपतपुर पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि संतोष कुमार के पिता रामप्रवेश महतो 24 वर्ष पहले लापता हो गए थे।

    मां की जब मौत हुई तो पिता का पुतला साथ में जला स्वजनों ने अंतिम संस्कार किया। अब जब पिता के जालंधर में होने की सूचना पुत्र को मिला तो स्वजन रोने लगे।

    इकलौते पुत्र संतोष को जब पिता के जीवित होने की सूचना मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता से मोबाइल पर बात करने के बाद पुत्र के साथ परिवार के लोग रोने लगे।

    2001 में गुम हो गए थे रामप्रवेश महतो 

    संतोष ने बताया कि वर्ष 2001 में 68 वर्षीय पिता रामप्रवेश महतो जम्होर मठ के महंत के साथ कुंभ स्नान करने प्रयागराज गए थे।

    वहां वे महंथ से बिछड़ गए। उन्हें उस समय खोजा गया परंतु नहीं मिले। इसकी सूचना पुलिस को दी गई परंतु पता नहीं लगा सकी। वर्ष 2009 में मां की मौत के बाद पिता का पुतला जला अंतिम संस्कार कर दिया।

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    तीन दिन पहले गांव के सरपंच सुजीत गुप्ता से सूचना मिला कि चंडीगढ़ निवासी सुभाष चंद्र का फोन आया था। वे भोपतपुर निवासी रामप्रवेश महतो के बारे में बता रहे थे कि पंजाबी वृद्धाश्रम में हैं।

    उन्होंने किसी तरह अपने गांव का नाम बताया कि तो गूगल से सर्च करने के बाद सरपंच तक बात पहुंची। सूचना पर संतोष ने पंजाब के जालंधर के लिए निकल पड़े।

    जालंधर के मलसिया प्रखंड के एक गांव ईशसेवल पंजाबी वृद्धाश्रम से अपने पिता को घर ले आ रहे हैं। आश्रम संचालक जिंदरमांद सिंह को आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।

    father son

    दो वर्ष से जालंधर के वृद्धाश्रम में थे 

    संचालक ने बताया कि रामप्रवेश उन्हें दो वर्ष पहले भटकते हुए मिले थे। उस दौरान उनकी दिमागी हालत सही नहीं थी।  उन्हें लेकर अपने वृद्धाश्रम में लाया। 

    उसके बाद प्रयास में जुट गया कि कभी न कभी इन्हें इनके परिवार से मुलाकात कराने में सफल हो जाऊंगा और उन्हें इस बात का सुकून है कि वे अपने प्रयास में सफल रहे।

    संतोष की बहन रीना कुमारी और मीना कुमारी ने बताया कि मृत मान चुके पिता के जीवित मिलने पर खुशी हो रही है। ट्रेन से शनिवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं। रविवार को गांव पहुंच जाएंगे।