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Nitish Kumar का हाथ इस 'मलाईदार' मंत्रालय से दूर, अब कैसे पूरा होगा ये काम? सामने खड़े हैं 4 विपक्षी सांसद

बिहार में मंत्रियों की संख्या भले ही पिछले कार्यकाल की अपेक्षा बढ़ गई लेकिन रेल मंत्रालय नहीं मिलने से औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन बिछाने की परियोजना पूरी होने की उम्मीद कम हो गई है। बीते लोकसभा चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधन राजग और आइएनडीआइए के सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को तवज्जो दी और जनता को आश्वस्त किया कि सांसद बनने के बाद योजना को लेकर काम करेंगे।

By UPENDRA KASHYAP Edited By: Rajat Mourya Tue, 11 Jun 2024 05:03 PM (IST)
Nitish Kumar का हाथ इस 'मलाईदार' मंत्रालय से दूर, अब कैसे पूरा होगा ये काम? सामने खड़े हैं 4 विपक्षी सांसद
नीतीश कुमार को नहीं मिला ये 'मलाईदार' मंत्रालय, अब कैसे पूरा होगा ये काम? सामने खड़े हैं 4 विपक्षी सांसद

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। बड़ी चर्चा रही कि रेल मंत्रालय जदयू को मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिहार में मंत्रियों की संख्या भले ही पिछले कार्यकाल की अपेक्षा बढ़ गई है, लेकिन रेल मंत्रालय नहीं मिलने से औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन बिछाने की परियोजना पूरी होने की उम्मीद कम हो गई है।

बीते लोकसभा चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधन राजग और आइएनडीआइए के सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को तवज्जो दी और जनता को आश्वस्त किया कि सांसद बनने के बाद योजना को लेकर काम करेंगे। अब दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना जिन चार लोकसभा क्षेत्र से गुजरती है उस क्षेत्र में निर्वाचित सभी सांसद सरकार में शामिल दलों से जुड़े नहीं हैं। वह आवश्यक रूप से विपक्ष में हैं।

पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती, उसके सीमावर्ती क्षेत्र जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र प्रसाद सिंह दोनों ही राजद के सांसद हैं। काराकाट लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजाराम सिंह भाकपा माले से सांसद हैं, जो आइएनडीआइए का हिस्सा है। औरंगाबाद के सांसद अभय कुशवाहा राजद से हैं। चारों सांसदों ने यह दावा व वादा किया था कि वह इस परियोजना के निर्माण के लिए काम करेंगे। अब यह कितना काम करते हैं या सरकार पर कितना दबाव काम करने के लिए बना पाते हैं यह समय बताएगा।

अगर सत्ताधारी गठबंधन के सांसद होते तो जनता उन पर अधिक दबाव बनाने की स्थिति में रहती। अब ये संसद जनता को यह कह सकते हैं कि हम दबाव बना रहे हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है। पहले सत्ताधारी दल से जुड़े सांसद भी यही कहते रहे हैं कि वे दबाव बना रहे हैं, सरकार तक बात पहुंचा रहे हैं, शीघ्र काम होगा। अब विपक्षी खेमे के सांसद सहजता से ऐसी बात कह सकते हैं।

सरकार से मजबूती से मांग करें सांसद

औरंगाबाद-बिहटा रेल परियोजना संघर्ष समिति के केंद्रीय संयोजक अजय कुमार ने इस क्षेत्र में आने वाले लोकसभा क्षेत्र औरंगाबाद, काराकाट, जहानाबाद और पाटलिपुत्र के सांसद अभय कुशवाहा, राजाराम सिंह, सुरेंद्र प्रसाद यादव और मीसा भारती को शुभकामनाएं दी। अजय ने कहा कि ये सभी सांसद बतौर प्रत्याशी जब चुनाव प्रचार कर रहे थे तो इस परियोजना की चर्चा करते थे।

अब जब केंद्र में सरकार का गठन हो गया है तो उम्मीद की जा सकती है कि परियोजना के निर्माण की मांग वे सरकार से करेंगे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आने वाले पांच साल में परियोजना का निर्माण पूरा हो जाए यह उम्मीद की जा सकती है। कहा कि एक करोड़ से अधिक आबादी इस परियोजना क्षेत्र में रहती है, उसके लिए जरूरी है यह रेल लाइन।

फिर होगा धरना और आंदोलन

अजय ने कहा कि जुलाई अगस्त के आसपास नई सरकार के संसद का पहला सत्र जब प्रारंभ होगा तो जंतर मंतर दिल्ली पर आंदोलन शुरू करेंगे। धरना देंगे ताकि लोगों की नजर इस पर जाए। अजय कुमार ने कहा कि इन सांसदों का वह अभिनंदन भी करेंगे और जनता को जागरूक कर इस मुद्दे को जीवंत रखने का लगातार प्रयास करेंगे।

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