Bihar: 'जब चिराग बड़ी मां से मिलने आए तो...', विवाद के बीच पारस ने दिया एक और बयान; पासवान फैमिली में फिर तनातनी
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करता है। पारस ने कहा कि भारत एक बहुधार्मिक देश है और यहां सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

जागरण संवाददाता, अररिया। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख सह पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि केंद्र सरकार देश में हिंदुत्व की भावना जगाना चाहती है। जो कहीं से उचित नहीं है।
भारत एक बगीचा है, जहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। जिन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार है। जिसका कोई हनन नहीं कर सकता है। मैं वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करता हूं।
पार्टी आगामी बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है। इसके जरिये सभी 243 सीटों पर संगठन की मजबूती के साथ ही पार्टी की सदस्यता अभियान चलायी जा रही है।
अररिया पहुंचे थे पारस
वे रविवार को रानीगंज में जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने के क्रम में अररिया पहुंचे थे, जहां उन्होंने जिला अतिथि गृह में प्रेस कान्फ्रेंस किया।
पारस ने कहा कि स्व रामविलास पासवान सब दिन अकलियत के नेता रहे। अब उनके पुत्र चिराग पासवान उनके सिद्धांतों के खिलाफ अकलियों के विरूद्ध वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धर्म के विरोध में जाने का अधिकार संविधान नहीं देती है। पार्टी सभी 243 सीटों पर विधान सभा चुनाव की तैयारी कर रही है।
चुनाव का समय आने पर पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक में तय कर बताया जाएगा कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर किसी गठबंधन के साथ जाएगी।
पार्टी तीन महीने से चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है। अररिया 21वां जिला है जहां यह सम्मेलन हो रहा है। सोमवार को खगड़िया में सम्मेलन होगा।
आगामी 14 अप्रैल को पटना के बापू सभागार में पार्टी की ओर से डा भीमराव आंबेदकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के भविष्य को उजागर करेंगे।
एक सवाल के जवाब में कहा कि वे तीन भाई थे। शहरबन्नी में उनकी पैतृक संपत्ति में तीनों भाई का अधिकार है। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने पैतृक घर जो छह कमरे का है, उसका पुनर्निमाण कराया।
जिसमें दो-दो कमरा तीनों भाई के हिस्से में है। मैं बंटवारे के लिए तैयार हूं। चिराग पासवान से पूछा जाना चाहिए कि वे जब बड़ी मां राजकुमारी देवी से भेंट करने आए तो उनको इलाज के लिए क्यों नहीं पटना से दिल्ली ले गए। मां को पटना दिल्ली की कोठी क्यों नहीं कभी दिखाया गया। उन्होंने अपने पिता के सपनों पर पानी फेर दिया है।
छोटे ने भी जमकर बोला हमला
मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि धर्म के आधार पर लोगों को बांटना कहां तक उचित है। सभी धर्मोँ के लोगों को उचित मान सम्मान मिलना चाहिए। बिहार में दलित विरोधी और बीमारू सरकार है।
पार्टी के आगामी विधान सभा चुनाव में जाने के फैसले पर यहां की जनता के साथ पार्टी के कार्यकर्ता और दलित सेना के कार्यकर्ता निर्णय लेंगे।
चिराग पासवान हमेशा चुनाव के नजदीक आने पर परिवार और पिता के नाम पर राजनीतिक फायदा लेते हैं। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश महासचिव महताब आलम, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दाहा, जिलाध्यक्ष प्रयाग पासवान आदि मौजूद थे।
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