Araria News: अररिया में बिचौलियों के खेल से बढ़ी लोगों की परेशानी; दाखिल-खारिज, म्यूटेशन हर काम का रेट फिक्स है
नरपतगंज प्रखंड सह अंचल कार्यालय में बिचौलियों और दलालों का जमावड़ा लगा रहता है। परिमार्जन म्यूटेशन के नाम पर अवैध उगाही की जाती है। सरकारी काम करवाने के लिए लोगों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है। पैसे देने के बाद भी लोगों का काम नहीं होता है। बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक मनोज सोनी ने इस पर चिंता जताई है।

संवाद सूत्र, फुलकाहा (अररिया)। नरपतगंज क्षेत्र में प्रखंड मुख्यालय सह अंचल मुख्यालय से लेकर कई सरकारी विभाग के दफ्तरों में दलालों और बिचौलियों का वर्चस्व देखा जा रहा है। भूमि संबंधित अगर कोई काम चाहते हैं तो कर्मचारी के पास अनगिनत दलाल मौजूद रहते हैं।
दलाल बताते हैं शुल्क
पहले आपको दलाल ही कार्य का शुल्क बताएंगे, उनके मुताबिक अगर रुपया दे दिया तो आपका काम आसान हो जाएगा। अन्यथा आप प्रखंड व अंचल मुख्यालय का चक्कर लगाते रहें। उक्त बातें बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक मनोज सोनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
सरकारी कर्मियों की गलतियों का लोग भर रहे हर्जाना
उन्होंने कहा सरकारी पंजी में सरकार के कर्मियों द्वारा ही लेखा-जोखा के रिकॉर्ड में की गई गड़बड़ी का सुधार करने के नाम पर उल्टे पीड़ित से ही मोटी रकम दलाल के माध्यम से ली जाती है।
उन्होंने कहा जरूरतमंद लोगों से ज्यादा अंचल मुख्यालय एवं अन्य कई सरकारी दफ्तर के आगे पीछे कार्यालय में दलाल लोग नजर आते हैं।
उनसे पूछताछ करने वाला कोई नहीं है। नरपतगंज प्रखंड की बदहाल स्थिति से लोग परेशान हो रहे हैं। सरकारी कार्य करने के लिए अंचल के चक्कर लगाते रहते हैं। वहीं, दलाल के माध्यम से काम आसानी से हो जाता है।
उन्होंने कहा आज से 40 साल पहले नरपतगंज के लोगों को जो परेशानी थी आज भी उसी परेशानी को झेल रहे हैं। आज भी बिना दलाल का कोई काम नहीं हो रहा है। छोटे-छोटे कार्य के लिए लोगों का चप्पल घिर जाता है और अधिकारी बराबर मीटिंग में व्यस्त रहते हैं।
परिमार्जन के नाम पर 4 हजार की रिश्वत
नरपतगंज की एक किसान ने बताया कि परिमार्जन के नाम पर तीन से चार हजार राजस्व कर्मचारी द्वारा लिया गया, लेकिन कार्य नहीं किया गया। किसान ने बताया कि परिमार्जन, म्यूटेशन, दाखिल-खारिज, बंटवारा जैसे कार्य करने के लिए मोटी रकम की उगाही दलालों द्वारा की जाती है।
अगर जिले के वरीय अधिकारी औचक निरीक्षण करें तो कई ऐसे दलाल गिरफ्त में आ सकते हैं, लेकिन ऐसा किया नहीं जाता है। राजस्व कर्मचारी के पास चार से पांच दलाल बैठते हैं और रूम को बंद करके रखा जाता है। किसी बाहरी आदमी को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाता है।
काम के लिए करना पड़ता है महीनों इंतजार
अगर कोई भूमि संबंधी सुधार के लिए प्रखंड सह अंचल कार्यालय जाता है तो उसको एक महीना लग जाता है। कभी पदाधिकारी नहीं मिलते हैं तो कभी राजस्व कर्मचारी ही नहीं मिलते हैं। अधिकतर राजस्व कर्मचारी क्षेत्र से गायब रहते हैं। कई बार इसको लेकर शिकायत भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नवाबगंज पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अरुण यादव ने बताया कि नवाबगंज के हल्का कर्मचारी पंचायत में नहीं आते हैं, जिसको लेकर अंचल पदाधिकारी के पास शिकायत की गई है। शिकायत करने के बावजूद भी कोई सुधार नहीं किया गया।
भंगही पंचायत में जमाबंदी पंजी में छेड़छाड़ का मामला भी चर्चा में है, जो दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संदर्भ में अंचल पदाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि इस तरह की जानकारी प्राप्त नहीं है अगर मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।

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