Bihar Jamin Survey: बिहार के जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, रजिस्ट्री को लेकर नीतीश सरकार ने काम कर दिया आसान
बिहार में 1995 से 2025 तक 2.34 करोड़ निबंधित दस्तावेजों का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है जिन्हें अब ऑनलाइन देखा जा सकता है। इससे अब जमीन सर्वे का काम भी आसान हो जाएगा। विभाग का अगला लक्ष्य 1908 से 1990 तक के पांच करोड़ दस्तावेजों को डिजिटल करना है। निबंधन विभाग ने 2024-25 में 102% राजस्व लक्ष्य हासिल किया जिससे 7648 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। बिहार में पिछले 30 सालों के निबंधन दस्तावेज डिजिटल हो गए हैं। निबंधन विभाग के अनुसार, वर्ष 1995 से 2025 तक कुल 2.34 करोड़ निबंधित दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा किया जा चुका है। इन जमीन और मकान के दस्तावेजों को अब ऑनलाइन देखा जा सकता है। इससे अब जमीन सर्वे का काम भी आसान हो जाएगा।
विभाग का अगला लक्ष्य वर्ष 1908 से लेकर वर्ष 1990 तक कुल पांच करोड़ निबंधित दस्तावेजों को डिजिटल करना है, जिसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।
निबंधन विभाग ने 102 फीसदी राजस्व हासिल किया
निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व लक्ष्य का 102 प्रतिशत हासिल किया है। बीते वर्ष लक्ष्य 7500 करोड़ रुपये था जिसके विरुद्ध कुल 7 हजार 648 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लक्ष्य सात हजार करोड़ रुपए निर्धारित था जिसके विरुद्ध कुल छह हजार 170 रुपये की प्राप्ति हुई थी।
विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में राजस्व में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधित दस्तावेजों की कुल संख्या 17 लाख, 51 हजार, 510 रुपए है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व संग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 8 हजार 250 करोड़ रुपए है।
राज्य में केवल 140 निबंधन कार्यालय एक्टिव
राज्य में फिलहाल कुल 140 निबंधन कार्यालय कार्यरत हैं। जिसमें राज्य के सभी 38 जिलों में निबंधन कार्यालय के साथ-साथ कुल 102 अवर निबंधन कार्यालय काम कर रहे हैं। वर्ष 2025 में कुल तीन नए निबंधन कार्यालय वीरपुर (सुपौल), सोनवर्षा (सहरसा) और पालीगंज (पटना) बनाए गए है।

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