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    एंबुलेंस के इंतजार में चमकी बुखार से पीड़ित बच्ची को लेकर घंटों तक अस्पताल में दौड़ती रही मां

    By Anil Kumar TripathiEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sun, 11 Dec 2022 10:22 PM (IST)

    चमकी बुखार से पीड़ित एक छह वर्षीय बच्ची को चिकित्सक के द्वारा रेफर किए जाने के बाद एंबुलेंस के लिए उसकी मां दो घंटे तक अस्पताल परिसर में दौड़ती रही। इस दौरान अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के चालक ने भी जाने से इंकार किया तो डॉक्‍टर ने सहायता की।

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    चमकी बुखार से पीड़ित बच्ची को लेकर एंबुलेंस के इंतजार में बैठी मां।

    फारबिसगंज (अररिया), संवाद सूत्र: फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल का हाल इन दिनों बेहाल है। अस्पताल में सरकार तो सुविधा प्रदान कर रही है, लेकिन मरीजों को समय पर इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही नजारा रविवार को देखने को मिला जब चमकी बुखार से पीड़ित एक छह वर्षीय बच्ची को चिकित्सक के द्वारा रेफर किए जाने के बाद एंबुलेंस के लिए उसकी मां दो घंटे तक अस्पताल परिसर में दौड़ती रही। इस दौरान अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के चालक ने भी जाने से इंकार कर दिया।

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    क्रिटिकल थी बच्‍ची की हालत

    बच्ची की हालत ज्यादा खराब होते देख ड्यूटी पर मौजूद डॉक्‍टर ने पहल करते हुए खुद 102 पर कॉल किया और महिला को एंबुलेंस उपलब्ध करवाई। इसके बाद वह अपनी बीमार बच्ची को लेकर पूर्णिया इलाज के लिए गई। बीमार बच्ची का नाम रानी खातून है, जिसे दिखाने के लिए उसकी मां परवाहा निवासी खुशबू खातून अस्पताल लेकर आई थी। बच्ची चमकी बुखार से पीड़ित बताई जा रही है।

    मौजूद एंबुलेंस चालक ने जाने से किया इंकार

    मामले में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डा. केएन सिंह ने कहा कि बच्ची को उसकी मां इलाज के लिए लेकर आई थी। बच्चे की स्थिति गंभीर देख उसे प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया रेफर किया गया है।उन्‍होंने बताया कि महिला लगभग दो घंटे बाद वापस उनके पास पहुंची और एंबुलेंस चालक के जाने से इंकार करने की बात कही। हालांकि, उन्होंने पहल की लेकिन एंबुलेंस वाले ने अपनी ड्यूटी कहीं और बताई और जाने से इंकार कर दिया। जिसके बाद 102 पर काल करके महिला को एंबुलेंस उपलब्‍ध करवाई और बच्ची को इलाज के लिए पूर्णिया भेजा गया।

    वहीं, जानकारों की मानें तो अस्पताल में इमरजेंसी सेवा के लिए अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था है। ऐसे में चिकित्सक ने बच्चे को रेफर कर दिया तो एंबुलेंस चालक उसे ले जाने से इंकार नहीं कर सकता। इस संदर्भ में जब अस्पताल उपाधीक्षक डा. रेशमा रजा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई,लेकिन उनके मोबाइल पर संपर्क नहीं हो सका।

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