Bihar News: शिक्षा विभाग का कारनामा, 'मुर्दे' से मांगा स्पष्टीकरण; इंटरनेट मीडिया पर उड़ रही खिल्ली
Bihar News बिहार शिक्षा विभाग अपने कारनामों के लिए सुर्खियों पर बना रहता है। इस बार अररिया जिले में डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने मृत शिक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा है। पत्र निर्गत होते ही इंटरनेट मीडिया पर लोग शिक्षा विभाग का जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। विभाग ने शुक्रवार को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा था।
अफसर अली, जागरण अररिया: इन दिनों शिक्षा विभाग के कारनामे इंटरनेट मीडिया पर सुर्खियों में है। डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने मुर्दे से भी स्पष्टीकरण मांगा है। यह सुनकर भले ही हैरत होगी, लेकिन यह बात सौ आना सच है। पत्र निर्गत होते ही इंटरनेट मीडिया पर जमकर विभाग की खिल्ली उड़ाई जा रही है।
विभाग ने शुक्रवार को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा था। जिसमें मुर्दे व सेवानिवृत शिक्षक भी शामिल हैं। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश है। प्रतिदिन इसकी समीक्षा भी की जा रही है।
परंतु हैरत की बात है कि इस पोर्टल पर मृत और सेवानिवृत शिक्षक का नाम भी अपलोड है। इन शिक्षकों का नाम पोर्टल से नहीं हटाया गया है। इतना ही नहीं डीईओ कार्यालय में मृत शिक्षकों का डाटा भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में विभाग की घोर लापरवाही लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
इन शिक्षकों की हो चुकी है मौत
जानकारी के अनुसार डीपीओ स्थापना द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण के क्रमांक संख्या 45 पर दर्ज परमानंद ऋषिदेव, क्रमांक संख्या 59 पर दर्ज मंजूर आलम, क्रमांक संख्या 97 पर नसीम अख्तर, क्रमांक 324 विश्वबंधु ठाकुर, क्रमांक 327 पर अफसाना खातून, क्रमांक 339 पर मो. कासिम, क्रमांक 499 पर सादिक अनवर, क्रमांक 756 पर बीबी नहार, क्रमांक 942 पर अंतेश कुमार सिंह, क्रमांक 960 पर देवानंद मंडल और क्रमांक 998 पर मनोज कुमार पटवे का देहांत पिछले वर्ष 2024 में हो गया था। इसके अलावा ऐसे भी शिक्षक हैं जो सेवानिवृत हो गए हैं, उनसे भी विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है।
इंटरनेट मीडिया पर उड़ रही खिल्ली
डीपीओ स्थापना द्वारा शुक्रवार को पत्र निर्गत होते ही देर रात से इंटरनेट मीडिया पर जिला शिक्षा कार्यालय का लोगों ने जमकर मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। कोई विभाग की लापरवाही का जमकर मजाक उड़ा रहा है तो कोई विभाग के तुगलकी फरमान की निंदा कर रहा है।
शिक्षक संघ के नेता जफर रहमानी ने लिखा है कि जिला शिक्षा कार्यालय ने एक ऐसा दुर्लभ रिकॉर्ड बनाया है, जो सौभाग्य अन्य जिलों को प्राप्त नहीं है। एक शिक्षक ने लिखा है कि अब कब्र से मुर्दा भी जवाब देंगे। इसी प्रकार अन्य लोग अपने-अपने अंदाज से विभाग पर निशाना साध रहे हैं।
क्या कहते हैं डीपीओ स्थापना
विद्यालय के प्रधान व बीईओ की जिम्मेदारी थी कि ऐसे शिक्षक जिनकी मौत हो चुकी है, उसकी विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। लेकिन उन्होंने विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया है। जिसके चलते पोर्टल पर दर्ज शिक्षकों का नाम नहीं हटाया गया। शुक्रवार को अवलोकन में जिन शिक्षकों ने ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज नहीं की थी, उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था। विद्यालय के ऐसे प्रधानाध्यापकों जिन्होंने विभाग को मृत शिक्षकों की जानकारी नहीं दी थी, ऐसे प्रधानाध्यापक को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। -रवि रंजन, डीपीओ स्थापना अररिया
क्या कहते हैं शिक्षक संघ
विभाग को समीक्षा के उपरांत ही इस तरह की स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए। ऐसी भूल से विभाग को बचना चाहिए। इस तरह की गलती लोगों के बीच शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर चर्चा का विषय बन जाता है। पिछले चार-पांच दिनों से जिले में सर्वर की समस्या है। इस कारण बहुत सारे शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहने के बावजूद भी आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर सके थे। अधिकांश शिक्षकों ने विद्यालय के पंजी पर उपस्थिति दर्ज की है। -अब्दुल कुद्दूस जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ अररिया
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