Bihar Jamin Survey: बिहार के इस जिले के जमीन मालिकों के लिए खुशखबरी, भूमि सर्वे को लेकर मिल गई राहत
बिहार के अररिया के जमीन मालिकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। अब 15 मार्च तक स्वघोषणा पत्र जमा कर सकेंगे। इसके लिए कई टीमें गठित की गई हैं और सरकारी अमीन द्वारा प्लाट का स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण को तेजी से पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
संवाद सूत्र, सिकटी (अररिया)। Bihar Jamin Survey: अररिया के सिकटी अंचल अंतर्गत 56 मौजा में भूमि सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है। इसके लिए कई टीम गठित की गई है। वहीं सरकारी अमीन द्वारा प्लाट का स्थलीय निरीक्षण कर किस्तवार का कार्य जारी है। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण के दूसरे चरण को तेजी से पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
अब 15 मार्च तक स्वघोषणा पत्र जमा कर सकेंगे
राज्य के रैयतों को अपनी जमीन से संबंधित जानकारी देने के लिए मार्च 2025 तक का समय दिया गया है। अब रैयत 15 मार्च तक अपना स्वघोषणा पत्र जमा कर सकेंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकेगी, ताकि लोगों को अधिक सुविधा मिल सके।
इस संबंध में राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने एक स्पष्ट समय सीमा निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही अब शहरी क्षेत्रों में भी सर्वेक्षण की प्रक्रिया का विस्तार करने की योजना बनाई जा रही है।
सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अनुराग कुमार ने बताया कि पहले यह सर्वेक्षण सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित था। लेकिन अब शहरी भूमि सर्वेक्षण की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। अब प्रत्येक प्रखंड के लिए अलग-अलग सर्वर बनाए गए हैं।
अब तक लगभग 60 हजार रैयतों ने अपनी भूमि का स्वघोषणा पत्र दिया
उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 60 हजार रैयतों ने अपनी भूमि का स्वघोषणा पत्र दे दिया है। जिसमें आनलाइन करीब 19 हजार 119 तथा आफलाइन 39 हजार 736 स्वघोषणा पत्र शामिल है।
इस प्रक्रिया के अगले चरण में पुराने खतियान (तेरीज लेखन) को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से तैयार करने का काम भी शुरू हो चुका है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि भूमि से जुड़े सभी रिकार्ड्स को डिजिटल रूप में सुरक्षित किया जाए, जिससे भविष्य में भूमि विवादों को रोका जा सके।
मुंगेर में मंदिर की जमीन पर घेराबंदी, विरोध पर रुका काम
हरपुर थाना क्षेत्र के माधोडीह गांव में मंदिर की जमीन की घेराबंदी का विरोध ग्रामीणों ने किया। ग्रामीणों के विरोध पर थाना पुलिस सहित प्रशासनिक पदाधिकारी हरकत में आए और काम को फिलहाल बंद कराया गया। घेरा बंदी कर रहे पक्ष का कहना है कि उसने जमीन खरीदी है। वहीं ग्रामीण का कहना है कि जमीन दानकर्ता ने केवाला रद्द कराकर मंदिर को दान किया है।
जानकारी के अनुसार तारापुर अंचल के कमलेश यादव और महेश यादव जबरदस्ती घेराबंदी के लिए आए। आक्रोशित ग्रामीणों ने अधिकारियों से निर्माण कार्य पर अविलंब रोक लगाने की मांग की।
तथ्यों से अवगत कराते हुए जन आवेदन की प्रति जिला पदाधिकारी , अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित भूमि सुधार उप समाहर्ता ,अंचल अधिकारी को दिया गया है। पदाधिकारियों के निर्देश पर हरपुर थानाध्यक्ष ने काम को बंद कराया ।
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