ये जंगलराज नहीं तो क्या है? बिहार के अररिया में दैनिक जागरण के पत्रकार को घर में घुसकर बदमाशों ने गोली मारी
Araria Journalist Murder अररिया में शुक्रवार तड़के दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार की हत्या कर दी गई। अपराधी ने घर में घुसकर पत्रकार विमल को गोली मारी है। चार साल पहले पत्रकार विमल के छोटे भाई शशिभूषण यादव उर्फ गब्बू यादव की भी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अभी ट्रायल चल रहा है जिसकी सुनवाई 19 अगस्त को होगी।

पटना, जागरण डिजिटल डेस्क: Araria Dainik Jagran Journalist Murder : अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में शुक्रवार तड़के पत्रकार विमल कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधियों ने घर में घुसकर घटना को अंजाम दिया। विमल के सीने में गोली मारी गई है।
सीने में गोली लगने से घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई। विमल दैनिक जागरण में अररिया के संवाद सूत्र थे। चार वर्ष पहले उनके छोटे भाई कुमार शशिभूषण उर्फ गब्बू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
भाई की हत्या मामले में फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है। विमल इस मामले में इकलौते गवाह थे। फिलहाल विमल की हत्या को इसी एंगल से देखा जा रहा है।
पुलिस ने उनकी हत्या की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए अररिया सदर अस्पताल ले जाया गया है। हत्या के बाद से विमल के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका 15 साल का बेटा और 13 साल की बेटी है।
अपराधी विमल का कर रहे थे पीछा
स्वजन और उनके साथियों की मानें तो पिछले दो-तीन दिनों से अपराधी विमल का पीछा कर रहे थे। विमल ने इस बारे में साथियों से बातचीत भी की थी। हालांकि, उन्हें इसका भान नहीं हो पाया था कि अपराधी उनकी हत्या कर देंगे।
इस घटना को उनके छोटे भाई की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। विमल के भाई कुमार शशिभूषण दबंग छवि के सरपंच हुआ करते थे। बलसारा पंचायत में सरपंच रहते हुए उन्होंने वहां अपराध पर अंकुश लगाने का प्रयास किया था।
वर्ष 2019 में पंचायत में बाइक छीनने की घटना हुई थी। पीड़ित ने जब इसकी शिकायत शशिभूषण से की तो उन्होंने बाइक छीनने वाले की पिटाई कर दी थी। पीड़ित को बाइक भी वापस कराई।
माना जा रहा है कि इसी घटना का बदला लेने के लिए अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी थी। 12 अप्रैल 2019 को वह एक मामले में गवाही देकर कोर्ट से लौट रहे थे। इसी दौरान अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी।
इस मामले में चार से पांच लोगों को नामजद किया गया था। सभी आरोपितों की गिरफ्तारी भी गई थी, लेकिन ये सभी अभी जमानत पर बाहर हैं।
पत्रकार बलराम विश्वास पर भी चली थी गोली
आपको जानकर हैरानी होगी कि रानीगंज में पत्रकार पर हमला और हत्या की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी एक दैनिक अखबार के पत्रकार बलराम विश्वास को गोली मारी गई थी। हालांकि, उनकी जान बच गई थी।
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