बिना हेलमेट और टूटी नंबर वाला स्कूटर चला रहे ट्रैफिक पुलिस वालों को युवक पकड़ा, फिर जो हुआ... देखें वीडियो
महाराष्ट्र के ठाणे में एक युवक ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को बिना हेलमेट स्कूटर चलाते देखा और उन्हें रोका। युवक ने, जिसे पहले हेलमेट न पहनने पर जुर्माना लगा था, पुलिस पर नियम तोड़ने का आरोप लगाया। पुलिस ने दावा किया कि स्कूटर जब्त किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों को सीधी कार्रवाई करने के बजाय कानूनी तरीके अपनाने चाहिए।

ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए युवक ने ट्रैफिक पुलिस अफसरों को पकड़ा।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी जानते हैं कि ट्रैफिक पुलिस आमतौर पर सड़क पर नियमों का पालन न करने वालों को पकड़ने और उनसे जुर्माना वसूलने के लिए तैनात होती है। हेलमेट न पहनने, सीट बेल्ट न लगाने, या अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चालान करना उनका रोज़ का काम होता है। लेकिन जब वही ट्रैफिक पुलिस खुद नियमों का उल्लंघन करती है, तो यह मामला काफी दिलचस्प हो जाता है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला थाने से सामने आया है, जहां एक युवा शख्स ने ट्रैफिक पुलिस अफसरों को खुद नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ लिया।
क्या हुआ था?
यह घटना थाने (पश्चिम), महाराष्ट्र के अम्बिका नगर, वागले एस्टेट की है। एक युवक को ट्रैफिक पुलिस ने हेलमेट न पहनने के कारण जुर्माना लगाया। लेकिन कुछ ही देर बाद, वही युवक और उसका दोस्त वही पुलिस अफसरों को एक स्कूटर पर बिना हेलमेट के और खराब नंबर प्लेट के साथ चलते हुए देख लेते हैं। इस पर युवक ने तय किया कि वह चुप नहीं रहेगा और अफसरों को नियमों का उल्लंघन करने पर टोकने के लिए खुद आगे बढ़ा।
News Alert (Thane):
— 👊 Fight Against Crime & Illegal Activities 👊 (@FightAgainstCr) October 26, 2025
A strange incident has been reported from Ambikanagar, Wagle Estate, Thane (West). A youth was fined by traffic police for riding without a helmet. Moments later, the same youth followed the officers and began recording videos of them, alleging that the… pic.twitter.com/6cE3kD8LG1
क्या हुआ जब युवक ने पुलिस अफसरों को रोका?
- वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक ने पुलिस अफसरों का पीछा किया और जब वे नहीं रुके, तो उसने स्कूटर के पिछले हिस्से से पकड़ लिया और उन्हें रुकने के लिए मजबूर किया। जब अफसरों ने रुकने के बाद युवक से बहस की, तो उसने उन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस जिनको पकड़ रही है, वही खुद नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। साथ ही, यह भी बताया कि स्कूटर की नंबर प्लेट भी खराब थी, जो और भी अनुशासनहीनता को दर्शाता था।
- पुलिस अफसरों ने बाद में दावा किया कि यह स्कूटर उनके नहीं बल्कि पुलिस द्वारा जब्त किया गया था और वे उसे पुलिस स्टेशन ले जा रहे थे। हालांकि, उस स्कूटर पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो देखा गया, जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि यह स्कूटर दरअसल पुलिस अफसरों का ही हो सकता है।
क्या सही है और क्या गलत?
इस घटना में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि नागरिकों को पुलिस अफसरों के खिलाफ सीधे कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। भले ही युवक ने सही पाया हो, लेकिन उसे अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए वैधानिक तरीके अपनाने चाहिए थे, जैसे कि तस्वीरें लेना और वीडियो रिकॉर्ड करना, और फिर संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजना। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि नियमों का पालन करना न केवल आम नागरिकों का कर्तव्य है, बल्कि पुलिस अफसरों के लिए भी जरूरी है। लेकिन यही सही तरीका नहीं है कि नागरिक खुद पुलिस अफसरों को रोकने के लिए सड़क पर उतर आएं, क्योंकि ऐसा करना कानून के खिलाफ है।

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