क्या वापस हो सकती है दिल्ली में पेट्रोल या डीजल कार पर लगा बैन?
दिल्ली में पुराने वाहनों पर लगे बैन को लेकर लोगों की चिंता पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने समाधान का भरोसा दिलाया है। सरकार इस समस्या के लिए हर संभव प्रयास करेगी क्योंकि कई लोग अपने वाहनों से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेशों के चलते दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में पुराने (ओवरएज) वाहनों पर लगे बैन को लेकर लोगों में भारी असमंजस और चिंता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भरोसा दिलाया है कि सरकार इस समस्या के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। हाल ही में मुख्यमंत्री गुप्ता एक कार्यक्रम में शामिल हुई, इस दौरान उन्होंने कहा कि कई लोग अपने वाहनों से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं, खासकर अगर वाहन उन्हें किसी करीबी जैसे पिता से उपहार में मिला हो। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे वाहन यादगार के तौर पर ही रखे जाते हैं और ज्यादा चले भी नहीं होते। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के लोगों का ये दर्द समझ में आता है। दिल्ली सरकार इस समस्या के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। हम जहां जरूरत होगी, वहां लोगों की आवाज़ उठाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेशों का हवाला
साल 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। 2014 के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश में सार्वजनिक स्थानों पर 15 साल से पुराने वाहनों की पार्किंग पर भी रोक लगाई गई है। 1 जुलाई से यह नियम लागू हो गया है, जिसके तहत ऐसे वाहनों में पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने कई पुराने वाहनों को जब्त भी किया है।
पिछली सरकारों पर निशाना
मुख्यमंत्री गुप्ता ने अपने संबोधन में पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह समस्या इसलिए है क्योंकि पिछली सरकारों ने वायु प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें पानी का छिड़काव, स्मॉग गन का इस्तेमाल, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, इस साल 70 लाख पौधे लगाने की योजना तक शामिल है।
फ्यूल बैन पर चुनौतियां
दिल्ली सरकार ने आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि ओवरएज वाहनों पर फ्यूल बैन तकनीकी चुनौतियों और जटिल सिस्टम के कारण व्यवहारिक नहीं है। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस फैसले से लोगों में नाराजगी है और सरकार जनता के साथ खड़ी है।
NCR में भी लागू हो सकता है नियम
सरकार का कहना है कि बैन सिर्फ दिल्ली में नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में लागू किया जाना चाहिए। साथ ही सिरसा ने पूर्ववर्ती AAP सरकार पर पुराने वाहनों के लिए कड़े नियम बनाने का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई से 10 साल या उससे पुराने डीजल और 15 साल या उससे पुराने पेट्रोल वाहनों के लिए ईंधन पर रोक लगा दी है। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस अब पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने पहुंचे ऐसे वाहनों को जब्त कर रही है।
वापस हो सकता है बैन
दिल्ली के लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस समस्या का कोई व्यावहारिक और न्यायसंगत समाधान जल्द ही निकालेगी ताकि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका नकारात्मक असर कम हो सके। साथ ही लोगों को दिल्ली सरकार से उम्मीद है कि पुरानी गाड़ियों लगे बैन को पावस लिया जा सकता है।
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