गाड़ियों के पीछे की बत्ती लाल रंग की क्यों होती है? आखिर रेड कलर ही क्यों चुना जाता है
Tail Light in Car आपने कभी ये ध्यान दिया है कि कार के पीछे की बत्ती लाल रंग की क्यों होती है आखिर लाल रंग को ही क्यो चूना गया या फिर इसका रोल क्या है। चलिए आज हम आपको इसके पीछे के कारणों के बारें में बताते हैं।

नई दिल्ली,ऑटो डेस्क।आज के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री काफी आगे आगे निकल रही है। वहीं इसमें कई नई तरह के फीचर्स और अपडेट वर्जन में गाड़ियां लॉन्च हो रही है। अगर आपके पास कार है या फिर आप चीझो को ध्यान देते होंगे तो आपने ये जरुर ध्यान दिया होगा कि कार के पीछे की बत्ती लाल रंग की होती है, लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है कि आखिर लाल रंग को ही क्यो चूना गया या फिर इसका रोल क्या है।
कई रंग की एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल होती है
अर्लट के लिए डैशबोर्ड पर आमतौर पर एलईडी लाइट्स होती है। कार में लगी कुछ रोशनी नॉर्मल अर्लट के लिए होती है लेकिन कई लाइट्स की इस्तमाल इमरजेंसी के लिए किया जाता है। कार में लाइट अलग -अलग जरूरतों के हिसाब से होती है जैसे - लाल, ऑरेंज और वाइट कलर की लाइट्स। लेकिन अम्मा कार के पीछे की बत्ती लाल रंग की ही होती है।
क्या है इसके पीछे का कारण
बैक में रेड लाइट के कलर का इस्तेमाल इसलिए होता है क्योकि पीछे से आ रही गाड़ी को ये संकेत मिलता है कि सामने वाली गाड़ी स्लो हो रही है या फिर रुकने वाली है। वहीं इस सिग्नल के कारण ही गाड़ियां अलर्ट हो जाती है और अगर उनकी कार की स्पीड तेज होती है तो वो स्लो भी कर लेते हैं। ऐसे में कार के अंदर बैठे लोगों को झटका महसूस होता है।
लोगों को दूर से अलर्ट करता है लाल रंग
दरअसल लाल रंग लोगों को दूर से अज्ञात कर देता है और नजर भी आता है। आपने ये जरुर ध्यान होगा कि वार्निंग का साइन हमेशा लाल रंग में होता है ताकि लोगों को आसानी से दिख जाए और वो पहले से ही सावधान हो जएं। इतना ही नहीं कोहरे में भी लाल रंग दिखाई देता है। तो कार में पीछे लगी हुई बत्ती दूर से लोगों को चेतावनी दे देता है।
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