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    CISF की Mahindra Marksman क्यों कर रही है इंग्लैंड के फाइटर जेट F-35 की सुरक्षा, किन बेहतरीन फीचर्स से है लैस

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 06:00 AM (IST)

    Mahindra Marksman एक बुलेटप्रूफ गाड़ी है जिसका उपयोग CISF जैसे अर्धसैनिक बल करते हैं। यह शहरी सुरक्षा VIP सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए उपयुक्त है। महिंद्रा डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित यह भारत की पहली स्वदेशी लाइट आर्मर्ड व्हीकल है। यह गोलीबारी बम और ग्रेनेड अटैक से बचाव करने में सक्षम है। इसमें GPS नाइट विजन कैमरा और RF कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर्स हैं।

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    Mahindra Marksman के फीचर्स और सुरक्षा तकनीक की जानकारी।

    ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियों के पास कई आधुनिक तकनीक है, जिसमें ऐसी गाड़ियां भी शामिल है जिस पर गोली से लेकर मिसाइल तक का कोई असर नहीं पड़ता है। इन्हीं में से एक है Mahindra Marksman। महिंद्रा की इस गाड़ी का इस्तेमाल CISF (Central Industrial Security Force) जैसे अर्धसैनिक बल करते हैं। यह एक बुलेटप्रूफ गाड़ी है, जिसे खासतौर पर शहरी सुरक्षा, VIP सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों और संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हम यहां पर आपको महिंद्रा मार्क्समैन की उन खूबियों के बारे में बता रहे है, जिसकी वजह से CISF इसका इस्तेमाल अपने अभियानों के लिए करती है।

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    क्या है मामला? 

    HMS Prince of Wales कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का F-35B जेट इंडो-पैसिफिक में भारत और ब्रिटेन की साझा नौसेना अभ्यास के बाद उड़ान भर रहा था। इस उड़ान के दौरान फ्यूल कम हो जाने के कारण इसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इस घटना को सामान्य मानी गई, लेकिन सैन्य जानकारों के अनुसार पूरी तरह से अभूतपूर्व नहीं है। लैंडिंग के बाद तकनीकी खराबी के संदेह के चलते F-35B को 48 घंटों तक जमीन पर ही रखा गया। इस दौरान जेट की सुरक्षा के लिए CISF के साथ Mahindra Marksman को तैनात किया गया है।

    Mahindra Marksman में क्या है खास?

    इसे महिंद्रा डिफेंस सिस्टम के जरिए बनाया गया है। यह भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई लाइट आर्मर्ड व्हीकल (LAV) है। इसे अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

    (इमेज क्रेडिट - X/Jay Wankhade)

    CISF क्यों इस्तेमाल करती है?

    CISF का काम सिर्फ एयरपोर्ट और सरकारी इमारतों की सुरक्षा करने तक ही सीमित नही है, बल्कि इसका काम न्यूक्लियर प्लांट, रक्षा प्रतिष्ठानों, मेट्रो स्टेशनों और अन्य संवेदनशील संस्थानों की भी सुरक्षा करना है। ऐसे में उनके पास ऐसी गाड़ियों का होना काफी जरूरी हो जाती है, जो गोलीबारी से जवानों की रक्षा, बम या ग्रेनेड अटैक से बचाव, खतरनाक क्षेत्रों में भी तेजी से मूवमेंट, आंतरिक कम्युनिकेशन और निगरानी में कैपेबल हो। इन सभी कामों को Marksman काफी आसानी से कर लेती है। इसलिए CISF जैसे बल इसे अपनी फ्लीट में शामिल करते हैं।

    (इमेज क्रेडिट - X/Jay Wankhade)

    Mahindra Marksman के फीचर्स

    • महिंद्रा मार्क्समैन कई बेहतरीन और सेफ्टी फीचर्स के साथ है। यह पूरी तरह से बुलेटप्रूफ गाड़ी है। इसमें NIJ Level III स्टैंडर्ड की सुरक्षा, 7.62mm की गोली से सुरक्षा, बम ब्लास्ट और ग्रेनेड अटैक में बचाव,  360 डिग्री सुरक्षा कवच, चारों ओर से बुलेटप्रूफ बॉडी मिलती है।

    • इसमें सुरक्षा के लिए कई एडवांस टेक्नोलॉजी भी दी गई है। इसमें GPS और रीयल टाइम ट्रैकिंग सिस्टम, नाइट विजन कैमरा और इंटीरियर मॉनिटरिंग, RF communication सिस्टम, 6–7 कमांडो के बैठने की जगह, अंदरूनी भाग भी बुलेटप्रूफ शील्ड से लैस, एसी वेंटिलेशन और इमरजेंसी एग्जिट जैसी तकनीक मिलती है। इसे गहरे पानी में भी आसानी से ले जाया जा सकता है, जिसकी वजह से यह छोटी नदियों को तो बहुत आसानी से पार कर लेती है।

    (इमेज क्रेडिट - X/LCA Tejas Fan)

    Mahindra Marksman का इंजन

    जिस तरह से महिंद्रा मार्क्समैन की बॉडी सॉलिड और बुलेटप्रूफ है, उसी तरह से इसका इंजन भी काफी ज्यादा पावरफुल है। इसमें 2.49 लीटर का डीजल इंजन इसका इस्तेमाल किया गया है। इससे ऑफ-रोड और कठिन इलाकों में गश्त के लिए 4x4 ड्राइव दी गई है, जिसकी वजह से यह पहाड़ी क्षेत्रों, कीचड़, और रेतीले रास्तों पर बहुत आसानी से चल सकती है। इससे  800 किलोग्राम तक का वजन ले सकता है, जिसकी वजह से इससे हथियार, उपकरण और सैनिकों को एक साथ ले जाने में काफी मदद मिलती है।

    (इमेज क्रेडिट - X/Indian Defence Facts)

    CISF और Mahindra Marksman का रिश्ता

    CISF ने महिंद्रा मार्क्समैन को 2009 में पहली बार अपने फ्लीट में शामिल किया था। इसे मुंबई पुलिस के फोर्स वन और कई अन्य राज्य और केंद्रीय बलों  के जरिए चुना गया था। आज के समय में इसका इस्तेमाल देशभर के एयरपोर्ट और संवेदनशील जगहों पर गश्त के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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