क्यों लगाया गया था बंपर गार्ड पर बैन? नियम तोड़ने पर कटेगा भारी भरकम चालान!
इसको लगभग अधिकतर वाहन मालिक अपनी गाड़ियों के बंपर के ठीक आगे और गाड़ी के रियर में लगाते थे। उनका मानना था कि इससे गाड़ी जब भी हादसे का शिकार होती है तो सबसे पहले ये गार्ड उनकी हेल्प करती है। (जागरण फोटो)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। क्या आपने नोटिस किया है कि अचानक से गाड़ियों में बंपर गार्ड लगने बंद हो गए हैं। आज से कुछ साल पहले गाड़ियों को आगे से प्रोटेक्ट करने के लिए लोग बंपर गार्ड लगवाते थे, जो इस समय पूरी तरह से बैन है। किस वजह से बंपर गार्ड को भारत में बैन किया गया उसके बारे में इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं। यह भी बताएंगे यह बंपर गार्ड लगवा कर गाड़ी चलाने पर कितने का चालान कटता है।
बंपर गार्ड होता क्या है
गाड़ियों में आगे की तरफ लोहे या फिर स्टील के पहले बंपर गार्ड लगाए जाते थे, जो बंपर की हिफाजत के लिए सेफ्टी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। इसको लगभग अधिकतर वाहन मालिक अपनी गाड़ियों के बंपर के ठीक आगे और गाड़ी के रियर में लगाते थे। उनका मानना था कि इससे गाड़ी जब भी हादसे का शिकार होती है तो सबसे पहले ये गार्ड उनकी हेल्प करती है। हालांकि जब से गाड़ियों में एयरबैग अनिवार्य किया गया था, तब से ये गार्ड सेफ्टी के बजाय उल्टा दुर्घटना के दौरान नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं किस वजह से देश में बंद किया गया था बंपर गार्ड।
इस वजह से देश में बंद किया गया बंपर गार्ड
दरअसल, बंपर गार्ड को जिस जगह पर लगाया जाता है वहां एयरबैग सेंसर लगा हुआ होता है। लोग गाड़ी का एक्सिडेंट होने पर ज्यादा नुकसान न हो इसलिए बंपर लगवाते हैं। हालांकि, वो भूल जाते हैं कि जिस जगह वह बंपर लगा रहे हैं वहां एयर बैग सेंसर लगा हुआ होता है और दुर्घटना की स्थिति में अगर सेंसर काम नहीं किया और एयरबैग नहीं खुला तो वाहन में बैठे यात्रियों की जान भी जा सकती है।
नियम तोड़ने पर कितने रुपये का चालान?
मोटर व्हीकल एक्ट के बंपर के लिए वाहन मालिक को 10 हजार रुपये तक का फाइन देना पड़ता है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 19/192 के तहत कोई भी वाहन मालिक बिना आरटीओ के परमिशन के वाहन में किसी भी प्रकार के मॉडिफिकेशन नहीं करवा सकता है।
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