बिना चार्जिंग केबल के गाड़ी में चार्ज हो जाएगा आपका फोन, जानिए क्या होता है वायरलेस चार्जिंग
वायरलेस चार्जिंग को केबल की तुलना में आपके डिवाइस को पूरी तरह से चार्ज करने में आमतौर पर 30-80% अधिक समय लगता है। हालांकि चार्जिंग मैट पर फोन रखने के तरीके से भी चार्जिंग टाइम पर प्रभाव पड़ता है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस समय पहले की तुलना में गाड़ियां इतनी एडवांस हो चुकी हैं कि यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस समय प्रीमियम गाड़ियों में वायरलेस चार्जिंग का क्रेज देखने को मिल रहा है। हालांकि, सस्ते गाड़ियों में ऐसे हाइ-टेक फीचर देखने को नहीं मिलते हैं, लेकिन आपको इसके बारे में जानकारी रखना जरूरी है। इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं क्या होता है वायरलेस चार्जिंग और किस प्रकार से करती है काम के बारे में।
कार में वायरलेस चार्जिंग कैसे काम करती है?
एडवांस कारों में आने वाले वायरलेस फोन चार्जिंग आपके फोन पर और आपकी कार में वायरलेस रूप से चार्ज करने के लिए इंडक्शन कॉइल का उपयोग करती है। इसका मतलब है कि आपको अपना फोन चार्ज करने के लिए केबल लेकर चलने की जरूरत नहीं है, मोबाइल के आकार के बने एक स्पेस में केवल आपको अपना फोन रखना होगा और चार्जिंग शुरू हो जाएगी।
क्या वायरलेस चार्जिंग से बैटरी खराब होती है?
वायरलेस चार्जिंग अन्य प्रकार की चार्जिंग की तुलना में आपकी बैटरी को कम नहीं करेगी। वायरलेस चार्जिंस से हाने वाली चार्ज बैटरी केबल से चार्ज की गई बैटरी की तुलना में अधिक देर तक चलती हैं। हालांकि, इसको चार्ज करने में भी अधिक समय लगता है।
वायरलेस चार्जिंग या केबल चार्जिंग में कौन बेहतर ?
वायरलेस चार्जर और केबिल चार्जिंग की तुलना करें तो केबल से चार्ज करने में आपके फोन की फास्ट चार्ज हो जाती है। इसलिए, दोनों में कंपैरिजन करें तो अभी भी केबिल से चार्जिंग बेस्ट मानी जाती है। हालांकि, वायरलेस चार्जिंग के माध्यम से आप किसी भी फोन को गाड़ी में सफर करते समय चार्ज कर सकते हैं इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है।
वायरलेस चार्जिंग को केबल की तुलना में आपके डिवाइस को पूरी तरह से चार्ज करने में आमतौर पर 30-80% अधिक समय लगता है। हालांकि, चार्जिंग मैट पर फोन रखने के तरीके से भी चार्जिंग टाइम पर प्रभाव पड़ता है।
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