अमेरिका का B-2 Spirit बॉम्बर कई मायनों में है खास, Stealth तकनीक के साथ मिलती है 11000 KM की रेंज
B-2 Stealth Bomber: अमेरिका की ओर से हाल में ही ईरान के परमाणु साइट को निशाना बनाया है। इसके लिए अमेरिका की ओर से B-2 Spirit बॉम्बर विमान का उपयोग किया गया है। अमेरिका के लिए यह विमान कितना महत्वपूर्ण है। किस तरह की तकनीक के साथ इसका उपयोग किया जाता है। एक बार ईंधन भरने के बाद इससे कितनी दूरी तय की जा सकती है। आइए जानते हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से हाल में ही ईरान के खिलाफ परमाणु साइट पर अपने सबसे खास विमान B-2 Spirit बॉम्बर का उपयोग किया गया है। अमेरिकी एयरफोर्स का यह विमान कितना खास है। कितनी स्पीड के साथ इसे चलाया जा सकता है। एक बार ईंधन भरने के बाद B-2 Stealth Bomber कितनी दूरी तय कर सकता है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
क्या है B-2 Spirit बॉम्बर विमान की खासियत
अमेरिकी एयरफोर्स की ओर से उपयोग किया जाने वाला B-2 Spirit बॉम्बर विमान कई मायनों में खास विमान है। यह स्टील्थ तकनीक का उपयोग करता है जिससे दुश्मन देश के रडार पर इसे देखना काफी मुश्किल हो जाता है। इस विमान को 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जा सकता है।
कितनी है क्षमता
इस विमान को उड़ाने के लिए आमतौर पर दो पायलट की जरुरत होती है जो अधिकतम चार की संख्या तक बढ़ाया जा सकता है। इस विमान में एक बार में करीब 18 हजार किलोग्राम तक के वजन के हथियारों को ले जाया जा सकता है। यह विमान परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है।
1988 में हुआ था प्रदर्शित
अमेरिका के इस बॉम्बर को 1988 में पहली बार प्रदर्शित किया गया था। इसे कैलिफॉर्निया के पामडेल में पहली बार 22 नवंबर 1988 को हैंगर से बाहर निकाल कर दिखाया गया था। इसके बाद 17 जुलाई 1989 को इसकी पहली उड़ान भरी गई थी।
कितना है खास
इस विमान की खासियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अमेरिका में मिसौरी से ही इस विमान को उड़ाया जाता है।
कितना दमदार इंजन
B-2 Spirit बॉम्बर विमान में चार जनरल इलेक्ट्रिक F118-GE-100 इंजन का उपयोग किया जाता है। इनमें से प्रत्येक इंजन से 17300 पाउंड का थ्रस्ट मिलता है। इस विमान का वजन 72575 किलोग्राम है और इसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन 152634 किलोग्राम तक है। इसमें 75750 किलोग्राम तक के वजन का ईंधन भरा जाता है। एक बार में इस विमान से करीब 11 हजार किलोमीटर तक की दूरी तय की जा सकती है। जरुरत पड़ने पर हवा में ईंधन भी भरा जा सकता है।
कहां हुआ पहली बार उपयोग
अमेरिका की ओर से इस विमान का सबसे पहली बार 1999 में कोसोवो की लड़ाई के दौरान उपयोग किया गया था। इस दौरान इस विमान ने अमेरिका के मिसौरी एयरबेस से उड़ान भरी और बिना रुके यूगोस्लाविया तक उड़ान भरकर वापस आए थे। इसके बाद इसका उपयोग अफगानिस्तान में 2001 से 2021 के बीच भी किया गया।
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