भारी वाहनों के साथ ई- रिक्शा की सेफ्टी पर केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने की घोषणा, जल्द शुरू होगी सेफ्टी रेटिंग
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने फरीदाबाद में IRTE की दो दिन की कार्यशाला की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा पर भी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने BNCAP की तर्ज पर ई-रिक्शा और भारी वाहनों की सुरक्षा पर भी बड़ी घोषणा की है। किस तरह की घोषणा की गई है। आइए जानते हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। जिनमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है और हजारों लोग घायल भी हो जाते हैं। इस पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री NItin Gadkari काफी गंभीर हैं। रोड ट्रैफिक एजुकेशन इंस्टीट्यूट की ओर से 24 अप्रैल 2025 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्रीय मंत्री की ओर से महत्वपूर्ण जानकारी दी गई हैं। केंद्रीय मंत्री की ओर से क्या कहा गया है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
18 से 45 साल के लोगों की होती है सबसे ज्यादा मौत
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में हम लगातार अच्छी सड़कें बना रहे हैं, जिसमें एक्सप्रेस वे, नेशनल हाइवे शामिल हैं। लेकिन साथ ही रोड सेफ्टी पर भी काम करने की जरुरत है। भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। देश में हर साल 4.8 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख लोगों की मौत भी हो जाती है। देश में 18 से 45 साल के लोगों की सबसे ज्यादा मौत हादसों में होती है। इसे कम करने के लिए हमारा उद्देश्य भारत में सेफ, स्मार्ट और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट को हासिल करना है।
ई-रिक्शा और भारी वाहनों की भी होगी सेफ्टी टेस्टिंग
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आईआरटीई पिछले कई सालों से सड़क हादसों को कम करने के लक्ष्य में मदद कर रही है। देश में रोड सेफ्टी पर काफी काम किया जा रहा है। भारत में हमने 2023 में NCAP को लॉन्च किया था, जिसके बाद यात्री वाहनों की सुरक्षा बेहतर हुई है। अब भारत में दुनिया के सबसे बेहतरीन वाहनों को बनाया जा रहा है। इसी तरह के प्रोग्राम में जल्द ही ई-रिक्शा और भारी वाहनों को भी शामिल किया जाएगा। ई-रिक्शा और हैवी व्हीकल की सुरक्षा के लिए भी जल्द ही नए मानक बनाए जाएंगे। यह BNCAP की तर्ज पर होंगे।
गोल्डन आवर पर भी दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से सड़क हादसों के बाद घायलों को जल्द इलाज मिलने की बात कही। उन्होंने बताया कि हादसों में 30 फीसदी लोगों की मौत गोल्डन आवर के दौरान इलाज न मिलने से हो जाती है। इसके लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है और घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को पहले ईनाम के तौर पर पांच हजार रुपये दिए जाते थे जो अब 25 हजार रुपये तक किए जा रहे हैं। इसके साथ ही घायलों को अधिकतम सात दिनों और 1.5 लाख रुपये तक कैशलैस इलाज की बात भी उन्होंने कही।

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