Elon Musk की Tesla भारत में कार प्रोडक्शन शुरू करने में क्यों नहीं दिखा रही रुचि? आखिर क्या है पीछे की कहानी
टेस्ला भारत में कार उत्पादन शुरू करने में रुचि नहीं दिखा रही है। भारत सरकार के अनुसार टेस्ला ने शुरू में बातचीत में भाग लिया लेकिन बाद में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में ही गाड़ियां बनाए जबकि टेस्ला इंपोर्ट ड्यूटी में छूट चाहती थी। डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बाद टेस्ला पर दबाव बढ़ गया है।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक कार की दुनिया में सबसे ज्यादा किसी का नाम लिया जाता है, तो वह Tesla है। Tesla की गाड़ियां पूरी दुनिया में पॉपुलर है। अब कंपनी भारत में भी एंट्री मारने जा रही है। हाल ही में टेस्ला कंपनी के मालिक Elon Musk ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हुए कहा था कि वह साल 2025 के अंत तक भारत आएंगे। वहीं, कंपनी भारत में एंट्री के लिए मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में अपने ऑफिस खोलने के लिए जगह भी तलाश रही है। इन तीनों जगहों में से कंपनी की तलाश मुंबई में पूरी भी हो चुकी है। अब एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। भारत सरकार की तरफ से पहली बार कहा गया है कि टेस्ला भारत में कार प्रोडक्शन शुरू करने में रुचि नहीं दिखा रही है। आइए जानते हैं कि Tesla का भारत में कार प्रोडक्शन क्यों नहीं करना चाहती है और इसका भारत के इलेक्ट्रिक बाजार पर क्या असर हो सकता है?
Tesla और भारत सरकार के बीच अब तक क्या हुआ?
- पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला और भारत सरकार के बीच बातचीत चल रही थी। इस दौरान कई बार एलन मस्क भारत में निवेश करने के बारे में बोल चुके हैं, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से बात नहीं बन पाती है। शुरू से ही भारत सरकार ने साफ कहा हुआ है कि टेस्ला को भारत में ही गाड़ियां बनानी होंगी, न कि बाहर से इंपोर्ट करके बेचना होगा।
- साल 2024 में भारत सरकार ने EV कंपनियों को राहत देने के लिए एक पॉलिसी बनाई थी। इसे तहत उन विदेशी कंपनियों को इंपोर्ट ड्यूटी में छूट दी गई, जो भारत में 4100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे और 3 साल के अंदर गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू कर देंगे। पहले भारत में ईवी गाड़ियों पर 70 फीसद तक की हाई इंपोर्ट ड्यूटी लगती थी, जिसकी वजह से टेस्ला की गाड़ियां देश में बहुत महंगी हो जाती थी।
- हाल ही में एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि टेस्ला ने शुरू में तो बातचीत में हिस्सा लिया, लेकिन बाद में उन्होने कोई रूचि नहीं दिखाई। इससे यह साफ पता चलता है कि टेस्ला फिलहाल भारत में प्रोडक्शन शुरू करने के किसी भी मूड में नहीं है।
डोनाल्ड ट्रम्प का कनेक्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक बयान दिया था कि अगर टेस्ला भारत में अपनी फैक्ट्री लगाती है, तो यह अमेरिका के लिए अच्छा नहीं होगा। उनका मानना है कि भारत की भारत की हाई इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है। ट्रंप के इस बयान के बाद टेस्ला पर दबाव बढ़ गया होगा कि वह भारत में निवेश करने से पहले दो बार सोचे।
टेस्ला की भारत में चुनौतियां
टेस्ला के सामने भारत में कई चुनौतियां है। हाई इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से उसकी गाड़ियां भारत में बहुत महंगी हो जाती है। भारत में अभी EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से डेवलप नहीं हुआ है, जितना टेस्ला जैसी कंपनी के लिए जरूरी है। भारत में बहुत से लोग सस्ती गाड़ियां खरीदना पसंद करते हैं, जो कम बजट में ज्यादा फीचर्स के साथ आती हो, जबकि टेस्ला की गाड़ियां प्रीमियम सेगमेंट में आती है, जिनकी कीमत काफी ज्यादा होती है।
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