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Tata की इन गाड़ियों की बढ़ गई माइलेज, इंजन में किया गया ये खास बदलाव

टाटा पंच ने सबसे अधिक माइलेज वृद्धि की है। पंच का नया माइलेज 20.10 kmpl है जो टाटा की सभी पेट्रोल कारों में सबसे ज्यादा है। टाटा का दावा है कि पंच और अल्ट्रोज़ के पेट्रोल वेरिएंट के मामले में लो-एंड ड्राइवबिलिटी में भी सुधार किया गया है। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavPublished: Tue, 21 Mar 2023 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 04:24 PM (IST)
टाटा मोटर्स की गाड़ियों के पहले से कितनी बढ़ी माइलेज?

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टाटा ने अपनी सभी गाड़ियों के इंजन को अपेडेट किया है, जो बीएस6 फेज 2 को फॉलो करती हैं। इस नए अपग्रेड के बाद टाटा के सभी गाड़ियों की माइलेज औसतन 1 से लेकर लगभग तीन किलोमीटर तक की बढ़ जाने वाली है। अभी कंपनी ने अपने नए मॉडल्स की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। कयास लगाया जा रहा है कि कंपनी आने वाले समय में इन सभी मॉडल्स की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती है।

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पहले से कितना बढ़ी माइलेज?

टाटा बीएस6 फेज II कारों का माइलेज पेट्रोल वेरिएंट्स में टाटा टिगोर का माइलेज सबसे कम 0.60 किलोमीटर प्रति लीटर है। BS6 फेज II Tigor 19.60 kmpl डिलीवर करेगी। Altroz ​​पेट्रोल की माइलेज में 0.70 kmpl की बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब इस गाड़ी की माइलेज बढ़कर 19.30 kmpl हो गई है।

Nexon पेट्रोल वेरिएंट अब 0.75 किमी अधिक माइलेज देगी। टाटा नेक्सॉन पेट्रोल की नई माइलेज 17.10 kmpl हो गई है। टियागो ने 20.01 किमी/लीटर के नए माइलेज के साथ 1 किमी/लीटर की बढ़त हासिल की है।

सबसे अधिक इस गाड़ी की बढ़ी माइलेज

टाटा पंच ने सबसे अधिक माइलेज वृद्धि हासिल की है। पंच का नया माइलेज 20.10 kmpl है, जो टाटा की सभी पेट्रोल कारों में सबसे ज्यादा है।

माइलेज बढ़ाने के साथ टाटा का दावा है कि पंच और अल्ट्रोज़ के पेट्रोल वेरिएंट के मामले में लो-एंड ड्राइवबिलिटी में भी सुधार किया गया है। Tiago, Tigor, Punch और Altroz ​​में 1.2-लीटर पेट्रोल मोटर है, जो अधिकतम 88 PS की पावर जनरेट करती है। सभी 4 कारों में 5-स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन स्टैंडर्ड है।

क्या है बीएस 6 फेज 2?

बीएस 6-II उत्सर्जन मानकों के मुताबिक, कार को बाइक को बनाने पर वाहनों में ऐसे उपकरण लगाने होंगे, जो चलती हुई गाड़ी में उत्सर्जन स्तर की निगरानी कर सकें। इसको चेक करने के लिए ये उपकरण जैसे कैटलिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे कई हिस्सो पर अधिक नजर रखेगा। इसके अलावा वाहनों में खर्च होने वाले ईंधन के स्तर को कंट्रोल करने के लिए प्रोग्राम्ड ईंधन इंजेक्टर का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही वाहन निर्माता कंपनियां वाहनों में इस्तेमाल होने वाली चिप को भी कंपनियां अपग्रेड करेंगी।


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