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    सरकार से ICE इंजन वाले टू-व्हीलर्स पर ग्रीन टैक्स बढ़ाने की अपील, SMEV ने कहा- ईवी पर हो फोकस

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Tue, 06 Jun 2023 02:42 PM (IST)

    EV को अपनाने और कच्चे तेल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार से ये अपील की गई है। 1 जून से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी कम कर दी गई है जिससे कंपनियों को इनकी कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। (फाइल फोटो)।

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    SMEV urges govt to levy additional green tax on ICE two wheelers to incentivise EV adoption

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार बढ़ रहा पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में केंद्र व राज्य की सरकारों के साथ-साथ अन्य जिम्मेदार संस्थाएं भी काफी गंभीर रुख अख्तियार कर रही हैं। इसी संबंध में सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने EV को अपनाने और कच्चे तेल के आयात से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार से एक अपील की है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।

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    ग्रीन टैक्स बढ़ाने की अपील

    सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि आंतरिक दहन इंजन वाले दोपहिया वाहनों पर अतिरिक्त ग्रीन लगाया जाए। SMEV का कहना है कि ऐसा करने से लोग इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर अपनाएंगे और इसके परिणामस्वरूप देश में बढ़ रहे प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।

    इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकाय ने एक बयान में कहा कि ग्रीन टैक्स इस महीने से शुरू होने वाली सब्सिडी में कमी के कारण ईवी की बिक्री में अपेक्षित गिरावट को भी युक्तिसंगत बनाएगा।

    कैसे होगा इसका लाभ?

    SMEV का मानना ​​है कि पारंपरिक प्रदूषणकारी आईसीई दोपहिया वाहनों पर करों में 100 आधार अंकों की वृद्धि से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी की फंडिंग और फेम योजना को पटरी पर लाने की जरूरत होगी।

    निकाय के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि अब समय आ गया है कि ईवी क्षेत्र को आईसीई वाहनों के बराबर प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाए। जब हम एक उद्योग के रूप में जागरूकता और गोद लेने के मुद्दों से निपट रहे हैं, तो सबसे बड़ी बाधा स्वामित्व की लागत है क्योंकि भारत एक मूल्य संवेदनशील बाजार है।

    उन्होंने कहा, "आईसीई वाहनों पर अतिरिक्त ग्रीन टैक्सिंग न केवल ईवी और आईसीई को समान स्तर पर लाएगी बल्कि बड़े ओईएम को विश्वास और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ ईवी बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे देश को लाभ होगा।"

    FAME India स्कीम हुई खत्म

    आपको बता दें कि भारी उद्योग मंत्रालय ने 1 जून से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी कम कर दी है, जिससे कंपनियों को कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस महीने से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन की सीमा वाहनों के एक्स-फैक्ट्री मूल्य के 40 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत हो गई है।

    फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स यानी FAME India स्कीम 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू हुई थी, जिसे 31 मार्च, 2024 तक दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया था।