Skoda Kylaq, Kushaq, Slavia में मिली खराबी की जानकारी, जारी हुआ रिकॉल, जानें कितनी यूनिट्स हुईं प्रभावित
Skoda Recall भारत में स्कोडा की ओर से कई सेगमेंट में वाहनों की बिक्री की जाती है। हाल में ही निर्माता की ओर से तीन कारों के लिए रिकॉल को जारी किया गया है। किस तरह की खराबी की जानकारी मिलने के बाद रिकॉल जारी किया गया है। कितनी यूनिट्स में खराबी की जानकारी मिली है। आइए जानते हैं।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। यूरोप की प्रमुख वाहन निर्माता स्कोडा की ओर से कई सेगमेंट में वाहनों की बिक्री की जाती है। निर्माता की ओर से हाल में ही अपनी तीन कारों के लिए रिकॉल को जारी किया गया है। किन कारणों से रिकॉल जारी किया गया है। किन मॉडल्स में खराबी की जानकारी के बाद ऐसा किया गया है। कितनी यूनिट्स में खराबी की जानकारी मिली है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
स्कोडा ने जारी किया रिकॉल
स्कोडा की ओर से भारत में ऑफर की जाने वाली तीन कारों के लिए रिकॉल को जारी कर दिया है। निर्माता की ओर से यह रिकॉल तब जारी किया गया है जब तीनों कारों की कई यूनिट्स की रियर सीट पर लगे एक पार्ट में खराबी की जानकारी मिली है।
क्या आई खराबी
जानकारी के मुताबिक स्कोडा की कारों की रियर सीट सीट बेल्ट बकल लैच प्लेट में खराबी की जानकारी सामने आई है। संभावना है कि हादसा होने पर यह प्लेट टूट सकती है, जिससे पीछे बैठे यात्री को गंभीर चोट लगने का खतरा हो सकता है।
किन मॉडल्स में मिली खराबी
स्कोडा की काइलैक, कुशाक और स्लाविया की 25772 यूनिट्स में खराबी की जानकारी सामने आई है। जिसके बाद इनको रिकॉल किया गया है। काइलैक, कुशाक और स्लाविया की प्रभावित यूनिट्स को 24 मई 2024 से एक अप्रैल 2025 के बीच बनाया गया है।
कैसे करें चेक
अगर आपके पास भी स्कोडा की कार है तो विन नंबर के जरिए यह जानकारी ली जा सकती है कि जिन कारों के लिए रिकॉल जारी किया गया है उनमें आपकी कार शामिल होगी या नहीं। इसके अलावा सर्विस सेंटर और शोरूम पर भी इसकी जानकारी ली जा सकती है।
नहीं लगेगा चार्ज
जब भी किसी निर्माता की ओर से रिकॉल को जारी किया जाता है तो खराब पार्ट को बदलने के लिए किसी भी तरह का चार्ज नहीं देना होता। खराब पार्ट को बदलने के लिए नया पार्ट और लेबर की वहन निर्माता की ओर से ही किया जाता है।
क्यों जारी होता है रिकॉल
निर्माताओं की ओर से एक कार को बनाने के लिए कई पार्ट्स को खरीदना पड़ता है। ऐसे में जब किसी अन्य वेंडर से इन पार्ट्स को खरीदकर कार में लगाया जाता है और बाद में किसी पार्ट में खराबी की जानकारी मिलती है तो उसे बदलने के लिए रिकॉल को जारी किया जाता है।
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