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    FAME-2 Scheme खत्म होने के बाद 7 दोपहिया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंंपनियों को हुआ 9 हजार करोड़ का नुकसान: SMEV

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 08:07 PM (IST)

    SMEV के चार्टर्ड अकाउंटेंट के ऑडिट से संकेत मिलता है कि प्रभावित कंपनियों को कुल मिलाकर संचयी नुकसान 9000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। SMEV ने कहा कि किए गए इस ऑडिट में अनुमान लगाया गया है कि जब से भारी उद्योग मंत्रालय ने 2022 से अपनी सब्सिडी बंद कर दी है। आइए पूरी खबर दे बारे में जान लेते हैं।

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    7 दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियों को 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने बुधवार को कहा कि सात इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को पिछले साल उनकी सब्सिडी बंद होने के बाद बकाया भुगतान और बाजार के नुकसान के कारण 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

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    सरकार ने इन कंपनियों को उनके द्वारा ली गई सब्सिडी वापस करने का भी निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि SMEV के चार्टर्ड अकाउंटेंट के ऑडिट से संकेत मिलता है कि प्रभावित कंपनियों का कुल नुकसान 9,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।

    इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को हुआ तगड़ा नुकसान

    SMEV ने कहा कि किए गए इस ऑडिट में अनुमान लगाया गया है कि जब से भारी उद्योग मंत्रालय ने 2022 से अपनी सब्सिडी बंद कर दी है, तब से अवैतनिक बकाया, ब्याज, ऋण, बाजार हिस्सेदारी की हानि, प्रतिष्ठा हानि, पूंजी की लागत और संभावित पुनर्पूंजीकरण के कारण कुल नुकसान लगभग 9,075 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें कहा गया है कि सच तो यह है कि कुछ कभी भी ठीक नहीं हो सकते हैं और कुछ खत्म हो सकते हैं।

    SMEV ने सरकार को लिखा पत्र

    शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, एसएमईवी के मुख्य प्रचारक संजय कौल ने बताया कि यह विडंबनापूर्ण है कि जहां उद्योग भारतीय ईवी क्षेत्र में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर लगाने के बारे में संभावित निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है, वहीं घाटा पहले से ही लगभग उतनी ही राशि का है।

    केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि OEM (मूल उपकरण निर्माता) दैनिक रूप से बढ़ते घाटे के कारण टूटने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। पत्र में प्रस्ताव दिया गया है कि यदि मंत्रालय का इरादा इन ओईएम को दंडित करना था, तो यह देरी उन्हें व्यावहारिक रूप से खत्म कर रही है, क्योंकि यह सजा 22 महीने से अधिक समय से जारी है, जो स्वयं एक अपराध है।

    कंपनियों को आर्थिक मदद की जरूरत 

    SMEV ने मंत्रालय द्वारा एक सिंकिंग फंड के निर्माण का प्रस्ताव रखा है, ताकि बंद होने के कगार पर खड़े ओईएम को सॉफ्ट लोन, अनुदान या अन्य ऐसे तंत्रों के माध्यम से अपने पैरों पर वापस खड़ा होने में मदद मिल सके, जो उन्हें पुनर्जीवित कर सकें क्योंकि यह ईवी इको-सिस्टम के निर्माण के लिए एमएचआई के दायरे में आता है। आपको बता दें कि सरकार हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से सब्सिडी का रिफंड मांग रही है।