Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Toll Plaza पर नंबर प्लेट आधारित वसूली से कम होगी भीड़, संसदीय समिति ने बनाया नया टोल कलेक्शन सिस्टम

    Updated: Thu, 08 Feb 2024 07:00 PM (IST)

    संसद की एक स्थाई समिति ने कहा है कि दोषपूर्ण फास्टैग के कारण होने वाली असुविधा के लिए लोगों को नहीं जिम्मेदार एजेंसियों को दंडित किया जाना चाहिए। जहां टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ ज्यादा है वहां स्वचालित नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे लगाकर क्लोज्ड टोलिंग प्रणाली लागू की जा सकती है। आइए समिति द्वारा कही गई बातों के बारे में जान लेते हैं।

    Hero Image
    Toll Plaza पर नंबर प्लेट आधारित वसूली से भीड़ कम हो जाएगी।

    मनीष तिवारी, नई दिल्ली। संसद की एक स्थाई समिति ने कहा है कि दोषपूर्ण फास्टैग के कारण होने वाली असुविधा के लिए लोगों को नहीं, जिम्मेदार एजेंसियों को दंडित किया जाना चाहिए। समिति ने सरकार से कहा है कि वह टोल संग्रह की निगरानी और स्वतंत्र आडिट के लिए एक नया तंत्र बनाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समिति की यह टिप्पणी इसलिए अहम है, क्योंकि फास्टैग में गड़बड़ी की शिकायतों से चिंतित केंद्र सरकार ने पिछले दिनों एक वाहन, एक फास्टैग की नीति लागू की है और यूजर्स से 29 फरवरी तक केवाइसी अपडेट करने के लिए कहा है।

    कई वाहनों को एक फास्टैग से जोड़ा गया

    सरकार को शिकायतें मिली हैं कि अनेक वाहनों को एक फास्टैग से जोड़ा गया है। परिवहन से संबंधित संसदीय समिति ने कहा है कि दोषपूर्ण फास्टैग के अनेक मामले वाहनों की आवाजाही में बाधा डालते हैं। इसके चलते लोगों को दोगुना टोल देना पड़ता है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस लापरवाही की सजा लोगों को नहीं मिलनी चाहिए।

    यह भी पढ़ें- Benelli-Keeway ने अपनी Leoncino 500, K300 N और 502C के घटाए दाम, देखिए नई प्राइस लिस्ट

    समिति ने टोल का कुछ हिस्सा राज्यों के साथ भी साझा करने का सुझाव देते हुए कहा कि इस प्रणाली को दूर-दराज के इलाकों तक ले जाने की जरूरत है। समिति ने जानबूझकर या बार-बार अधिक टोल वसूली के दोषी पाए जाने वाले प्लाजा संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और ऐसे संचालकों को भविश्य में बोली प्रक्रिया से बाहर करने का सुझाव दिया है।

    फर्जी टोल प्लाजा बनें 

    हाल में कुछ स्थानों पर फर्जी टोल प्लाजा बनाए जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए समिति ने कहा है कि इसे रोकने के लिए पूरे देश में सर्वेक्षण कराने की जरूरत है। फर्जी टोल प्लाजा के संदर्भ में मंत्रालय को अपने कर्तव्यों में लापरवाही के लिए कठोर सजा देने की जरूरत है। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नंबर प्लेट से हो वसूलीसंसदीय समिति के अनुसार नंबर प्लेटों को हालमार्क किया जाता है और इन्हें उच्च रिजाल्यूशन कैमरों द्वारा पहचाना जा सकता है।

    एएनपीआर कैमरे लगाकर हो सकती वसूली 

    जहां टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ ज्यादा है, वहां स्वचालित नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरे लगाकर क्लोज्ड टोलिंग प्रणाली लागू की जा सकती है। समिति ने एक अनोखा सुझाव यह दिया है कि जब तक एएनपीआर पूरी तरह नहीं लागू हो जाता तब तक एक उपाय यह अपनाया जा सकता है कि अगर कोई वाहन चालक किसी समय भुगतान करने में असमर्थ है, तो वाहन को छोड़ देना चाहिए और उसे लेन से बाहर ले जाना चाहिए ताकि यातायात में कोई रुकावट न हो।

    बाद में टोल टैक्स के भुगतान के लिए वाहन नंबर से जुड़े मोबाइल पर एक पाठ्य संदेश भेजा जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर टोल टैक्स की चोरी करता है, तो उसके वाहन नंबर और तस्वीर के आधार पर चालक के खिलाफ एफआइआर या चालान जारी किया जा सकता है।

    यह भी पढ़ें- Vehicle RC पर Online Address Update करने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स, घर बैठे हो जाएगा काम