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    अब हाइड्रोजन फ्यूल सेल से बस चलाएगी इंडियन आर्मी, जानें क्‍या है खासियत

    Updated: Tue, 28 May 2024 11:59 AM (IST)

    भारत में प्रदूषण को कम करने और स्‍वच्‍छ ईंधन से वाहनों को चलाने के लिए निर्माताओं की ओर से लगातार कोशिश की जा रही हैं। इस मुहिम में अब भारतीय सेना भी शामिल हो गई है। इंडियन ऑयल की ओर से सेना को हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen fuel cells) से चलने वाली बसों को सौंपा गया है। इन बसों की क्‍या खासियत है। आइए जानते हैं।

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    भारतीय सेना और इंडियन ऑयल के बीच समझौते के बाद सेना को हाइड्रोजन से चलने वाली बस मिली है।

    ऑटो डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारतीय सेना भी अब वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की मुहिम में शामिल हो गई है। इंडियन ऑयल की ओर से सेना को खास तरह के ईंधन से चलने वाली बस को सौंपा गया है। इस तकनीक से चलने वाली बस की क्‍या खासियत है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

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    सेना को मिली हाइड्रोजन बस

    भारतीय सेना अब Hydrogen से चलने वाली बस का उपयोग करेगी। भारतीय सेना को इंडियन ऑयल की ओर से एक बस को सौंपा गया है। इस दौरान सेना प्रमुख मनोज पांडे और इंडियन ऑयल के चेयरमैन श्रीकांत माधव भी मौजूद रहे। दोनों के बीच एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं। जिसके बाद इस बस को सेना को सौंप दिया गया।

    क्‍या है खासियत

    भारतीय सेना को इंडियन ऑयल की ओर से जिस हाइड्रोजन बस को दिया गया है, उनमें 37 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके टैंक को एक बार में 30 किलोग्राम हाइड्रोजन से भरा जा सकता है। जिसके बाद बस को करीब 250 से 300 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।

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    एनटीपीसी के साथ भी हुआ है समझौता

    भारतीय सेना इससे पहले एनटीपीसी के साथ भी हाइड्रोजन के लिए समझौता कर चुकी है। यह समझौता 21 मार्च 2023 को हुआ था। जिसके तहत एनटीपीसी को देश की उत्‍तरी सीमा पर ग्रीन हाइड्रोजन आ‍धारित एक माइक्रोग्रिड की स्‍थापना करनी थी। जिसके बाद चुशूल में 200 किलोवाट की क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड बनाया गया।

    नई तकनीक पर चल रहा काम

    केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से लगातार वाहनों में नई तकनीक पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी हाइड्रोजन से चलने वाली कार का उपयोग करते हैं। इसके अलावा टाटा, रिलायंस जैसी कंपनियां भी हाइड्रोजन से चलने वाली बसों पर काम कर रही हैं।