सड़क पर चलते ही चार्ज हो जाएगी इलेक्ट्रिक कार, जानेें कहां है यह टेक्नोलॉजी
नॉर्वे सरकार की कोशिशों के चलते देश की राजधानी ओस्लो दुनिया का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है जहां वायरलेस चार्जिंग सिस्टम के चलते इलेक्ट्रिक टैक्सी को चार्ज किया जा सकता है
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। भारत समेत दुनियाभर के कई देश प्रदूषण के खिलाफ इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर नई लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि, यूरोप और नॉर्वे जैसे छोटे देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़ी जीत मिली है। नॉर्वे सरकार की कोशिशों के चलते देश की राजधानी ओस्लो दुनिया का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां वायरलेस चार्जिंग सिस्टम के चलते इलेक्ट्रिक टैक्सी को चार्ज किया जा सकता है।
पिछले साल नॉर्वे में बिकीं 46,143 इलेक्ट्रिक कारें
प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नॉर्वे की सरकार ने वहां एक प्रोजक्ट तैयार किया है, जिसे काफी कामयाबी हासिल हुई है। बता दें, नॉर्वे ने इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर किया है और लोगों में इलेक्ट्रिक कार खरीदने को बढ़ावा देने के लिए टैक्स और अन्य छूट मुहैया कराए हैं। ऐसे में भारत समेत दूसरे देशों को भी इस मामले में नॉर्वे से सीख लेनी चाहिए। नॉर्वे सरकार की इन कोशिशों के चलते साल 2018 में 34 करोड़ वाली जनसंख्या वाले देश में 46,143 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई है।
नॉर्वे ने जर्मनी और फ्रांस को पछाड़ा
इलेक्ट्रिक कार की बिक्री के आंकड़े देखें तो नॉर्वे ने यूरोपीय कंट्री जर्मनी और फ्रांस को पछाड़ दिया है। यूरोपियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के मुताबिक पिछले साल जर्मनी में 36,216 और फ्रांस में 31,095 इलेक्ट्रिक कारें खरीदी गई हैं। वहीं, नॉर्वे के पब्लिक चार्जिंग नेटवर्क के हेड Gudbrann Hampel का कहना है कि नॉर्वे दुनिया का सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक कार की ओनरशिप वाला देश है और पिछले साल यहां बिकने वाली हर तीसरी कार में से एक इलेक्ट्रिक कार थी। इस देश में रोड टोल, पार्किंग, चार्जिंग प्वाइंट में डिस्काउंट दिया जाना भी एक बड़ी वजह है।
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