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    Bengaluru-Mysuru Expressway की जांच में जुटा NHAI, लगातार हो रही दुर्घटनाओं का कारण पता करने की कोशिश

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Thu, 20 Jul 2023 07:40 AM (IST)

    NHAI ने Bengaluru-Mysuru Expressway के सुरक्षा मानकों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया है। जमीन पर स्थिति का जायजा लेने के लिए पैनल कर्नाटक का दौरा करेगा। आपको बता दें कि उद्घाटन के पांच महीनों के भीतर 118 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 500 से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें लगभग 100 पीड़ितों की मौत भी हो गई।

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    NHAI begins safety inspection of Bengaluru Mysuru Expressway

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Bengaluru-Mysuru Expressway भारत के सड़क नेटवर्क में जोड़े गए नवीनतम हाई-स्पीड राजमार्गों में से एक है। उद्घाटन के पांच महीनों के भीतर 118 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 500 से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें लगभग 100 पीड़ितों की मौत भी हो गई। इतनी संख्या में घटनाओं की वजह से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को एक्सप्रेसवे ने सुरक्षा की जांच शुरू कर दी है।

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    Bengaluru-Mysuru Expressway की जांच कर रही NHAI

    NHAI ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के सुरक्षा मानकों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया है। जमीन पर स्थिति का जायजा लेने के लिए पैनल कर्नाटक का दौरा करेगा। एजेंसी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग का सुरक्षा निरीक्षण करने के लिए सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कॉरीडोर सुरक्षित यात्रा को बढ़ावा देकर कर्नाटक के लोगों की सेवा करता रहे। जानकारी के मुताबकि इसके कल यानी 20 जुलाई तक अपना अध्ययन पूरा करने और अगले 10 दिनों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को एक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।

    पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 लेन वाले Bengaluru-Mysuru Expressway का उद्घाटन इस साल मार्च में किया था। 118 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को लगभग 8,480 करोड़ रुपये की कुल लागत पर विकसित किया गया था। इसे दो खंडों में विभाजित किया गया है। पहला बेंगलुरु को निदघट्टा से जोड़ता है और दूसरा निदघट्टा को मैसूर से जोड़ता है। इसे 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन आधिकारिक गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। एक्सप्रेसवे ने बेंगलुरु और मैसूर के बीच यात्रा के समय को लगभग आधे से 75 मिनट तक कम करने में मदद की है।

    लगातार हो रही हैं दुर्घटनाएं

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्घाटन के बाद से एक्सप्रेसवे पर करीब 570 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 350 से अधिक अन्य घायल हुए हैं। राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, निदाघट्टा-मैसूरु खंड पर अन्य खंड की तुलना में अधिक दुर्घटनाएं देखी गई हैं। इस एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के पीछे तेज गति से चलने वाले वाहनों को प्रमुख कारणों में से एक के रूप में देखा जाता है,जिसमें उचित संकेतों के साथ-साथ रोशनी का भी अभाव है।