ऑटोमोटिव सेक्टर में दिखने लगा PLI स्कीम का असर, महिंद्रा और टाटा मोटर्स को मिला 246 करोड़ इंसेंटिव
PLI स्कीम के तहत ऑटोमोटिव सेक्टर में 20715 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। इस अवधि तक 10472 करोड़ रुपए के उत्पादों की बिक्री भी हो चुकी है। इस स्कीम के तहत कंपनी इंसेंटिव का दावा घरेलू स्तर पर उत्पादों में कम से कम 50 प्रतिशत का वैल्यू एडीशन और घरेलू व निर्यात दोनों ही स्तर पर बिक्री में बढ़ोतरी करने पर ही कर सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स व फार्मा के बाद अब ऑटोमोटिव सेक्टर में प्रोडक्शन लिंक्ड इसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का असर दिखने लगा है। पीएलआई स्कीम के तहत पहली बार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इंसेंटिव का दावा किया है और उनका यह दावा मंजूर कर लिया गया है। ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए वर्ष 2021 के सितंबर माह में पीएलआई स्कीम की घोषणा की गई थी। देश में एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलाजी (एएटी) वाले उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ ऑटोमोटिव सेक्टर में मजबूत सप्लाई चेन की स्थापना के उद्देश्य से इस स्कीम की शुरुआत की गई थी। इस स्कीम के तहत कंपनी इंसेंटिव का दावा घरेलू स्तर पर उत्पादों में कम से कम 50 प्रतिशत का वैल्यू एडीशन और घरेलू व निर्यात दोनों ही स्तर पर बिक्री में बढ़ोतरी करने पर ही कर सकती है।
ऑटोमोटिव सेक्टर में 20,715 करोड़ का निवेश
भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2024 के सितंबर माह तक पीएलआई स्कीम के तहत ऑटोमोटिव सेक्टर में 20,715 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। इस अवधि तक 10,472 करोड़ रुपए के उत्पादों की बिक्री भी हो चुकी है। मंत्रालय के मुताबिक पहली बार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएलआई स्कीम का लाभ कंपनियों को मिलने जा रहा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इलेक्टि्रक थ्री व्हीलर्स व एएटी उत्पादों के उत्पादन व बिक्री में बढ़ोतरी के नाम पर 104.08 करोड़ के इंसेंटिव का दावा किया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा अब तक 978.30 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी है और कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 800 करोड़ से अधिक की बिक्री की है।
टाटा मोटर्स ने 1380 करोड़ रुपए की बिक्री की
टाटा मोटर्स ने टियागो ईवी, स्टारबस ईवी और एसे ईवी के उत्पादन व बिक्री में बढ़ोतरी के लिए 142.13 करोड़ रुपए के इंसेंटिव का दावा किया है। टाटा मोटर्स ने गत वित्त वर्ष में इन वाहनों व एएटी उत्पादों की 1380 करोड़ रुपए की बिक्री की है। भारी मंत्रालय के मुताबिक दोनों कंपनियों 246 करोड़ रुपए के इंसेंटिव का दावा किया है और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी की तरफ से इन दावों की जांच के बाद मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने वर्ष 2020-22 के बीच 14 सेक्टर में पीएलआई स्कीम की घोषणा की। इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर में पीएलआई स्कीम का बड़ा लाभ मिला है।
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