Narendra Modi के सबसे जुझारू मंत्री ने क्यों कहा- ये मेरे विभाग की सबसे बड़ी नाकामी है
Nitin Gadkari (नितिन गडकरी) ने लोकसभा में Motor Vehicle Amendment बिल को पेश करते हुए कहा था कि भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। PM Narendra Modi की Modi 2.0 भारत में सड़क हादसों को कम करने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। दरअसल कुछ दिनों पहले Nitin Gadkari (नितिन गडकरी) ने लोकसभा में Motor Vehicle Amendment बिल को पेश करते हुए सड़क हादसों को लेकर जो आंकड़े दिए उसने सबको हैरान कर दिया। गडकरी ने कहा कि भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। वहीं, 5 लाख लोग हर साल एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं। सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री Nitin Gadkari (नितिन गडकरी) ने कहा कि पांच साल कोशिश करने के बाद भी केवल 3 से 4 फीसद हादसे कम हो पाए हैं, जिसे वो अपने विभाग की सबसे बड़ी नाकामी मानते हैं। इस मौके पर उन्होंने सदन में बैठे सभी सासंदों से बिल को पास करने का निवेदन किया। गडकरी ने कहा कि अब इस बिल को पास करते हैं और लोगों की जान बचाते हैं।
सड़क हादसों के आकड़ों को पेश करते हुए गडकरी ने बताया कि उनके कई कोशिशों के बाद भी सड़क हादसों में केवल 3 से 4 फीसद की कमी आई है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु के मॉडल का उदाहरण देते हुए बताया कि इस राज्य में 15 फीसद की सड़क हादसों में कमी आई है। गडकरी ने कहा कि तमिलनाडु ने जो एक्सपेरिमेंट किया उसे अपना कर आगे जाएंगे।
दरअसल Motor Vehicle Amendment बिल के जरिए सरकार सड़क हादसों पर लगाम लगाना चाहती है। इस बिल में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा इस बिल के लागू होने के बाद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर भी रोक लगेगी।
10 गुना तक ज्यादा लगेगा जुर्माना
मोटर व्हीकल संशोधित बिल में जुर्माने की राशि को 10 फीसद तक बढ़ाया गया है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो सीटबेल्ट न लगाने पर वाहन मालिक को 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। जबकि, पहले बिला हेल्मेट पाए जाने पर 100 रुपये का ही जुर्माना भरना पड़ता था। वहीं, स्पीड लिमिट पार करने पर 500 रुपये की जगह 5000 रुपये का फाइन भरना पड़ेगा। इस बिल में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में अगर कोई ड्रिंक एंड ड्राइव करने हुए पाया गया तो उसे 2000 रुपये की जगह 10000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
2016 से अटका है बिल
मोटर व्हीकल (संशोधित) बिल सबसे पहले साल 2016 में पेश किया गया था, जो राज्यसभा में जाकर अटक गया। इसके बाद यह बिल मोदी सरकार के पहले टर्म में पास नहीं हो पाया। इस बिल में 18 रास्यों के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के सुझाव के साथ स्टैंडिंग कमेटीज की राय भी ली गई है।
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