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General Motors मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में अब बनेंगी Hyundai की कारें, 2020 से बंद था वर्कशॉप

साल 2020 के बाद से ही कंपनी इस प्लांट तो बेचना चाहती थी जिसे आखिरकार हुंडई ने लेने का फैसला किया। हुंडई जिस टर्म सीट पर हस्ताक्षर करेगी उसमें जमीन प्लांट और मैन्युफैक्चरिंग मशीनें शामिल हैं। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavPublished: Mon, 13 Mar 2023 11:49 AM (IST)Updated: Mon, 13 Mar 2023 11:49 AM (IST)
General Motors मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में अब बनेंगी Hyundai की कारें, 2020 से बंद था वर्कशॉप
हुंडई अब इस प्लांट में अपनी गाड़ियों का प्रोडक्शन करेगी।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Hyundai Motor India Ltd. (HMIL) ने महाराष्ट्र में स्थित General Motors India के तालेगांव प्लांट के संभावित अधिग्रहण के लिए 'टर्म शीट' पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। हुंडई अब इस प्लांट में अपनी गाड़ियों का प्रोडक्शन करेगी।

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तालेगांव प्लांट का इस्तेमाल पहले जनरल मोटर्स द्वारा असेंबली और पावरट्रेन प्रोडक्शन फैसिलिटी के रूप में किया जाता था। हालांकि, 2020 में इस प्लांट को बंद कर दिया गया है। 2020 के बाद से ही कंपनी इस प्लांट को बेचना चाहती थी, जिसे आखिरकार हुंडई ने लेने का फैसला किया। हुंडई जिस टर्म सीट पर हस्ताक्षर करेगी उसमें जमीन, प्लांट और मैन्युफैक्चरिंग मशीनें शामिल हैं।

कंपनी का बयान

कंपनी द्वारा की गई एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, "प्रस्तावित अधिग्रहण 'निश्चित संपत्ति खरीद समझौते' पर हस्ताक्षर करने और पूर्ववर्ती शर्तों की पूर्ति और प्रासंगिक सरकारी प्राधिकरणों और अधिग्रहण से संबंधित सभी हितधारकों से नियामक अनुमोदन प्राप्त करने के अधीन है" ।

जनरल मोटर का भारत में इतिहास

आपको जानकारी के लिए बता दें यह कंपनी भारत में आजादी से पहले कदम रखी थी। जहां वर्ष 1918 में शेवरले की बिक्री के लिए जनरल मोटर्स ने पहली बार भारतीय बाजार में अपनी धमक दी थी। कंपनी ने 1928 में बॉम्बे में एक फैक्ट्री खोली लेकिन 1958 में अन्य विदेशी वाहन निमार्ता कंपनियों के साथ इसने भी भारत से विदाई ले ली। 

कई वर्षो बाद जनरल मोटर्स दोबारा 1995 में यहां आयी लेकिन काफी कोशिशों के बाद ही भारत के तेजी से उभरते बाजार में एक फीसदी से भी कम हिस्सा बना पायी और अब अंतत: इसने 22 साल बाद दोबारा भारतीय बाजार को अलविदा कह दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2015 के बाद से कंपनी घाटे में जाने लगी थी, जिसके बाद भारत में इसके प्लांट्स को बंद करना पड़ा।


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