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    Hero Group को फर्श से अर्श पर पहुंचाने वाले बृजमोहन लाल मुंजाल का 100वां जन्मदिन आज, कुछ ऐसा था उनका सफर

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 10:22 AM (IST)

    Brijmohan Munjal 100th Birth Anniversary हीरो ग्रुप के संस्थापक बृजमोहन लाल मुंजाल का आज 100वां जन्मदिन है। उन्होंने करीब 75 साल पहले पहले पाकिस्तान से भारत आकर हीरो ग्रुप की नीव रखी थी। शुरुआत में उनका साइकिल पार्ट्स सप्लायर का काम था जो आगे चलकर एक साइकिल कंपनी और फिर दोपहिया वाहन कंपनी में बदल गया। (फोटो - जागरण ग्राफिक्स)

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    हीरो ग्रुप के संस्थापक बृजमोहन लाल मुंजाल

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जब भी भारत में मध्यम वर्ग के लिए एक अच्छे दोपहिया वाहन खरीदने की बात आती है, तो सबसे पहला नाम हीरो मोटोकॉर्प का आता है। इस कंपनी की स्थापना देश के प्रमुख कारोबारियों में से एक बृजमोहन लाल मुंजाल ने की थी। उनका जन्म आज ही के दिन 100 साल पहले एक जुलाई 1923 को अभिवाजित भारत (वर्तमान में पाकिस्तान) के पंजाब के जिला टोबा टेक सिंह के कमालिया में हुआ था।

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    कैसे हुई हीरो साइकिल्स की शुरुआत?

    हीरो साइकिल्स की शुरुआत करीब 75 साल पहले बृजमोहन लाल मुंजाल ने अपने तीन भाईयों के साथ पाकिस्तान से भारत के अमृतसर आकर की थी। शुरुआत में वे साइकिल स्पेयर पार्ट्स का कारोबार करते थे, लेकिन विभाजन के कारण हुए दंगों के कारण वे लुधियाना में शिफ्ट हो गए।

    यहां उन्होंने अपने भाई ओम प्रकार मुंजाल के साथ मिलकर हीरो साइकिल्स की स्थापना की। इसके बाद उन्हें पंजाब सरकार से साइकिल बनाने का लाइसेंस मिल गया, जिसके बाद मुंजाल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    उनके साइकिल बनाने के कारोबार ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि हीरो साइकिल देश के घर-घर तक पहुंच गई है। 1975 तक हीरो सभी कंपनियों को पछाड़कर देश की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी बन गई थी। 1986 में कंपनी ने दुनिया में सबसे अधिक साइकिल बनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

    हीरो साइकिल्स की सफलता का राज बृजमोहन लाल मुंजाल का व्यवहार ही था। कहा जाता है कि वे अपने सभी डीलर्स और सप्लायर्स को नाम से जानते हैं और किसी का भी भुगतान में देरी नहीं करते थे।

    दोपहिया वाहन में स्थापित किया कीर्तिमान

    हीरो साइकिल की सफालता के बाद मुंजाल ने तेजी से पेट्रोल वाहनों की तरह बढ़ रहे लोगों के रुझान को भाप लिया था। इसी के लिए उन्होंने एक दोपहिया वाहन कंपनी की स्थापान की थी, जिसका नाम हीरो मैजेस्टिक था। कंपनी उस समय मोपेड आदि बनाती थी, लेकिन 1984 में जापानी कंपनी होंडा मोटर्स के साथ हुई साझेदारी ने इसको पूरी तरह से बदल दिया।

    1985 में कंपनी की पहली बाइक हीरो होंडा CD100 लॉन्च हुई, जिसे काफी सफलता मिली। फिर इसके बाद 1994 में लॉन्च हुई हीरो होंडा स्प्लेंडर ने कंपनी को अग्रणी दोपहिया वाहन कंपनी बना दिया।

    Hero Motocorp का उदय

    26 साल लंबी हीरो होंडा के बीच पार्टनरशिप खत्म होने के बाद हीरो मोटोकॉर्प का उदय हुआ। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंजाल ने नहीं चाहते थे कि दोनों कंपनियों के बीच इतनी लंबी साझेदारी खत्म हो, लेकिन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और अन्य कारणों के चलते ये समाप्त हो गई। इस समय मुंजाल करीब 87 साल के थे और कंपनी की हर टॉप मैनेजमेंट की मीटिंग में वे शामिल हुए थे।

    इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक हीरो मोटोकॉर्प को संभाला और 2015 के मध्य में अपने बेटे पवन मुंजाल को हीरो ग्रुप की कमान सौंप दी। एक नंवबर 2015 को बीमारी के कारण 92 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था।