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    सरकार ला रही है नया नियम: इलेक्ट्रिक गाड़ियों में जरूरी होगा AVAS सिस्टम, धीमें चलने पर करेंगी आवाज

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 11:00 AM (IST)

    भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। अक्टूबर 2027 से सभी इलेक्ट्रिक कार बस और ट्रक में Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य सड़क पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन शांत होते हैं और उनकी मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

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    भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2027 से AVAS अनिवार्य

    ऑटो डेस्क, नई दिल्‍ली। भारत सरकार की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नया मसौदा अधिसूचना जारी किया है, जिसके तहत सभी इलेक्ट्रिक कार, बस और ट्रक में Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा। यह नियम अक्टूबर 2027 से लागू किया जाएगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है पैदल यात्रियों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना। दरअसल, इलेक्ट्रिक वाहन बहुत शांत चलते हैं, जिससे कई बार लोग उनकी मौजूदगी को समय रहते महसूस नहीं कर पाते।

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    क्या है नया प्रावधान?

    नियमों के मुताबिक, अक्टूबर 2026 से सभी नए इलेक्ट्रिक यात्री और वाणिज्यिक वाहनों में AVAS तकनीक लगाना जरूरी होगा। अक्टूबर 2027 से पहले से मौजूद सभी मॉडल्स में भी यह फीचर शामिल करना अनिवार्य होगा। MoRTH के नोटिफिकेशन के अनुसार, श्रेणी M (यात्री वाहन) और N (सामान ढोने वाले वाहन) के इलेक्ट्रिक मॉडल्स में AIS-173 मानक के हिसाब से यह सिस्टम फिट करना होगा।

    AVAS काम कैसे करता है?

    AVAS एक तरह का अलर्ट सिस्टम है, जो कम गति (20 किमी/घंटा तक) पर अपने आप एक्टिव हो जाता है। यह सिस्टम कृत्रिम ध्वनि उत्पन्न करता है, ताकि पैदल यात्री, साइकिल चालक और दूसरे सड़क उपयोगकर्ता वाहन की मौजूदगी को आसानी से पहचान सकें। 20 किमी/घंटा से ऊपर की स्पीड पर इसकी जरूरत नहीं होती, क्योंकि उस वक्त टायर की आवाज़ पर्याप्त होती है।

    ये भी होंगे बदलाव

    सरकार ने यह भी प्रस्तावित किया है कि ट्यूबलेस टायर वाले वाहनों जैसे- कार, तीन पहिया और क्वाड्रिसाइकिल में अब अतिरिक्त स्पेयर टायर रखने की अनिवार्यता नहीं होगी।