इस नियम के लागू होते ही महंगी हो जाएंगी गाड़ियां, कम से कम 80 हजार रुपये की लग सकती है चपत
चार पहिया पैसेंजर और कॉमर्सियल वाहनों को उत्सर्जन मानकों के अगले स्तर को पूरा करने के लिए और अधिक टेक्नालॉजी आवश्यकता होगी। यही वजह है कि वाहन निर्माण करने वाली कंपनिया इन मानकों को पूरा करने वाले खर्चे का बोझ ग्राहकों के कंघे पर रखेंगी।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पिछले कुछ सालों से वाहनों की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला है। क्योंकि, कुछ सालों से वाहन निर्माण में लगने वाली मैटेरियल कॉस्ट में कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं सरकार जल्द ही BSVI फेज शुरू करने वाली है, जिसके चलते गाड़ियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
भारत स्टेज VI (BSVI) उत्सर्जन मानदंडों के दूसरे चरण के शुरू होते ही, एक कार खरीदना, विशेष रूप से डीजल से चलने वाली कार, अगले वित्तीय वर्ष से ग्राहकों की जेब पर अधिक बोझ डालने के लिए तैयार है।
पैसेंजर और कॉमर्सियल वाहनों की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि ऑटोमोबाइल कंपनियां अगले साल अप्रैल से लागू होने वाले कड़े उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए वाहनों के एडवांसमेंट यानी की नई टेक्नालॉजी में निवेश करेंगी। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग वर्तमान में अपने उत्पादों को भारत स्टेज VI के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए काम कर रहा है, जो वास्तविक समय की ड्राइविंग स्थितियों में यूरो-VI उत्सर्जन मानदंडों के बराबर है।
चार पहिया पैसेंजर और कॉमर्सियल वाहनों को उत्सर्जन मानकों के अगले स्तर को पूरा करने के लिए और अधिक टेक्नालॉजी आवश्यकता होगी। यही वजह है कि वाहन निर्माण करने वाली कंपनिया इन मानकों को पूरा करने वाले खर्चे का बोझ ग्राहकों के कंघे पर रखेंगी।
80 हजार तक हो सकती हैं महंगी कारें
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नए मानें तो नए मानदंड को पूरा करने के बाद कंपनियां कम से कम अपने वाहनों की कीमतों में 80 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। हालांकि, इस बारे में पूरी तरह से सही जानकारी अगले साल अप्रैल तक इस नियम को लागू होने के बाद ही होगी।
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