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    घटिया Helmet पर केंद्र सरकार गंभीर, दो पहिया वाहन चलाते हुए सिर्फ BIS सर्टिफाइड हेलमेट को पहनने की अपील

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 11:00 AM (IST)

    केंद्र सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। इसी क्रम में सरकार की ओर से लोगों ने अपील की गई है कि वह दो पहिया वाहन चलाते हुए सिर्फ BIS सर्टिफाइड हेलमेट को ही पहनें। इसके साथ ही सरकार की ओर से अब तक किस तरह की कार्रवाई को किया गया है। आइए जानते हैं।

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    दो पहिया वाहन पर सुरक्षा के लिए सरकार कितनी गंभीर है।

    ऑटो डेस्‍क, नई दिल्‍ली। देश में हर साल लाखों की संख्‍या में सड़क हादसे होते हैं। इन हादसों में सबसे ज्‍यादा दो पहिया वाहन सवारों की मौत होती है और हजारों की संख्‍या में लोग घायल होते हैं। ऐसे हादसों में सबसे ज्‍यादा लापरवाही खराब क्‍वालिटी के हेलमेट के कारण होती है। केंद्र सरकार खराब क्‍वालिटी के हेलमेट उपयोग करने को लेकर काफी गंंभीर है। सरकार की ओर से हाल में ही क्‍या अपील की गई है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

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    केंद्र सरकार ने की अपील

    देश में दो पहिया वाहन से होने वाले हादसों में सबसे ज्‍यादा लोगों की मौत खराब क्‍वालिटी के हेलमेट लगाने के कारण होती है। इसी कारण सरकार ने एक बार फिर लोगों से अच्‍छी क्‍वालिटी वाले BIS सर्टिफाइड हेलमेट लगाने की अपील की है।

    सरकार ने क्‍या कहा

    केंद्र सरकार के उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और भारतीय मानक ब्‍यूरो की ओर से अपील की गई है कि लोग सिर्फ BIS सर्टिफाइड हेलमेट का ही उपयोग करें। इसके साथ ही विभाग की ओर से बिना सर्टिफाइड हेलमेट के निर्माण या बिक्री करने वालों पर सख्‍त कार्रवाई करने की घोषणा की है।

    नकली हेलमेट बनाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई

    टू व्‍हीलर मैन्‍युफैक्‍चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष राजीव कपूर ने कहा कि हर साल 2 करोड़ से अधिक नकली हेलमेट BIS लाइसेंसधारकों द्वारा बनाए जा रहे हैं, जिसके चलते भारत में सड़कों पर चल रहे 50% हेलमेट नकली हैं। ये हेलमेट टक्कर लगने पर टूट जाते हैं, जिससे जानलेवा परिणाम होते हैं। जिस तरह उपभोक्ता असली और नकली दवाइयों में फर्क नहीं कर पाते, वैसा ही हाल हेलमेट के साथ भी है। इससे निपटने के लिए BIS को अपनी नीतियों में सुधार लाना बेहद आवश्यक है।

    उन्‍होंने कहा कि सबसे ज़रूरी कदम यह होगा कि हर हेलमेट निर्माता के पास एक पूर्ण परीक्षण प्रयोगशाला (टेस्टिंग लैबोरेटरी) होनी चाहिए, जिसमें इम्पैक्ट मशीन शामिल हो, और हर प्लांट के लिए ISO सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक निर्माण इकाई में गुणवत्ता की सख्त निगरानी हो। यदि अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो नकली हेलमेटों का प्रसार और भी बढ़ेगा, जिसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। आने वाले वर्षों में जब देश में दोपहिया वाहनों की संख्या 1.80 लाख से बढ़कर 10 लाख तक पहुंचने की संभावना है, तब यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।

    राजीव कपूर ने सरकार से अपील की है कि हेलमेट जीवन रक्षक उपकरण हैं, और इस तथ्य को देखते हुए BIS को हेलमेट निर्माण के लिए कड़े दिशा-निर्देश तय करने और उन्हें सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अनावश्यक जानमाल की हानि रोकी जा सके। हमें सभी को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि हम "एक मिशन के तहत जीवन की रक्षा" के लिए कार्य करें।

    देश में कितने वैध लाइसेंस

    केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि देश में जून 2025 तक 176 निर्माताओं के पास वैध लाइसेंस हैं।

    BIS करता है निगरानी

    हेलमेट के निर्माण के समय गुणवत्‍ता मानकों को लागू करने के लिए बीआईएस लगातार निगरानी करता है। बीआईएस की ओर से निर्माताओं की फैक्‍ट्री के साथ ही बाजार को भी लगातार चेक किया जाता है। अगर कहीं पर कोई शिकायत या जानकारी मिलती है तो बीआईएस की ओर से कार्रवाई भी की जाती है।

    बीते वित्‍त वर्ष में हुई कार्रवाई

    केंद्र सरकार की ओर से खराब क्‍वालिटी के हेलमेट के मामलों में बीते वित्‍त वर्ष के दौरान 500 से ज्‍यादा हेलमेट के सैंपल लिए गए और उनका टेस्‍ट किया गया है। इसके अलावा बीआईएस के लोगो का दुरुपयोग करने पर 30 से ज्‍यादा सर्च ऑपरेशन भी किए गए। 

    दिल्‍ली में जब्‍त हुए हेलमेट

    कार्रवाई करते हुए दिल्‍ली में नौ निर्माताओं से 2500 से ज्‍यादा गैर अनुपालन वाले हेलमेट जब्‍त किए गए थे। जिनके लाइसेंस खत्‍म हो गए थे या कुछ कारणों से रद्द किए गए थे। इसके अलावा सड़क किनारे हेलमेट बेचने वालों की 17 जगहों पर भी कार्रवाई की गई और 500 घटिया हेलमेट जब्‍त भी किए गए। इन सभी पर कानूनी कार्यवाही की जा रही है।