फर्जी 'ड्राइविंग लाइसेंस' और 'दलाली' होगी बंद, मोदी सरकार बदलेगी पुराने नियम
PM Narendra Modi सरकार के मंत्री Nitin Gadkari ने लोकसभा में Motor Vehicle Amendment बिल को पेश करते हुए कहा था कि भारत में 30 फीसद Driving License (ड्राइविंग लाइसेंस) फर्जी है
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। PM Narendra Modi की Modi 2.0 ने फर्जी ड्राइविंग लाइलेंस को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है। फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने Motor Vehicle Amendment को सदन में पेश कर दिया है। दरअसल Nitin Gadkari (नितिन गडकरी) ने लोकसभा में Motor Vehicle Amendment बिल को पेश करते हुए एक ऐसी बात कही थी जिसने सबको हैरान कर दिया। सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री Nitin Gadkari (नितिन गडकरी) ने कहा कि भारत में 30 फीसद Driving License (ड्राइविंग लाइसेंस) फर्जी हैं। गडकरी ने बिल को पेश करते हुए सदन में कहा कि अगर दुनिया में कोई भी ऐसा देश है जहां सबसे आसानी से लाइलेंस मिलता होगा, तो वो भारत है।
गडकरी ने कहा कि एक आदमी दिल्ली में लाइसेंस लेता है फिर वही जयपुर और मुंबई मे उन्होंने आगे कहा कि भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाना सबसे आसान है। गडकरी ने मौजूदा सिस्टम पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोग्राफ देखेंगे तो फोटो मैच नहीं करेगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि लोग न तो कानून से डरते हैं और न ही कानून की इज्जत करते हैं। गडकरी ने कहा कि लोगों को सजा नहीं होती है। यही कारण है कि लोग अपने स्कूटर के नंबर प्लेट पर हाथ रखकर पुलिस के सामने से जाते हैं और उन्हें कोई डर नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को 50-100 रुपये के चालान की परवाह नहीं है। ऐसे में लोग सड़कों पर बिना पुलिस की परवाह किए चल रहे हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए Aadhaar होगा जरूरी।
Motor Vehicles Amendment Bill को पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में 30 फीसद ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। इस बिल के लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए आधार (Aadhaar) नंबर अनिवार्य होगा।
घटेगी आपके ड्राइविंग लाइसेंस की उम्र
मौजूदा समय में ड्राइविंग लाइसेंस 20 साल के लिए वैलिड है, लेकिन अगर यह बिल पास हो गया हो 10 साल के बाद आपको अपने लाइलेंस रिन्यू कराना पडेगा। वहीं, 55 साल या उससे अधिक के व्यक्ति के लिए ड्राइविंग लाइसेंस केवल 5 सालों के लिए वैद्य रहेगा।
2016 से अटका है बिल
यहां जानना जरूरी है कि मोटर व्हीकल (संशोधित) बिल सबसे पहले साल 2016 में पेश किया गया था, जो राज्यसभा में जाकर अटक गया। इसके बाद यह बिल मोदी सरकार के पहले टर्म में पास नहीं हो पाया। इस बिल में 18 रास्यों के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के सुझाव के साथ स्टैंडिंग कमेटीज की राय भी ली गई है।
सख्त नियमों वाला है यह बिल
मोटर व्हीकल संशोधित बिल में जुर्माने की राशि को 10 फीसद तक बढ़ाया गया है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो सीटबेल्ट न लगाने पर वाहन मालिक को 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। जबकि, पहले बिला हेल्मेट पाए जाने पर 100 रुपये का ही जुर्माना भरना पड़ता था। वहीं, स्पीड लिमिट पार करने पर 500 रुपये की जगह 5000 रुपये का फाइन भरना पड़ेगा। इस बिल में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में अगर कोई ड्रिंक एंड ड्राइव करने हुए पाया गया तो उसे 2000 रुपये की जगह 10000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
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