क्यों होता है गाड़ी का Fuel Injection सिस्टम खराब? इन संकेतों से आप तुरंत लगा सकते हैं पता
Fuel Injection Tips अगर कार का समय पर ध्यान रखा जाए तो वह लंबे समय तक बिना परेशानी चलती है। लेकिन अगर गाड़ी के साथ लापरवाही की जाती है तो कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। कार के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में खराबी आ जाती है तो फिर किस तरह के संकेत कार से मिलने लगते हैं।आइए जानते हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। देश में बड़ी संख्या में लोग कार का उपयोग करते हैं। लेकिन कई लोग कार के साथ लापरवाही करते हैं, जिस कारण कार में कई तरह की परेशानी आने लगती हैं। ऐसी ही एक परेशानी कार के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के साथ भी आती है। फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में खराबी आने के बाद किस तरह के संकेत मिलते हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
क्या है फ्यूल इंजेक्शन
इंजन वाली कारों में बड़ी संख्या में अलग अलग तरह के पार्ट्स का उपयोग किया जाता है। इनमें से एक पार्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम भी होता है। कार के इंजन को ईंधन पहुंचाने के लिए फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम काफी जरूरी हिस्सा होता है। यह एक छोटे नोजल के जरिए इंजन में ईंधन पहुंचाता है, जिससे गाड़ी को चलाया जाता है। इसमें खराबी आने से पहले यह कुछ संकेत देता है।
स्टार्ट होने में परेशानी
अगर किसी कार को स्टार्ट करने में सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है। इसके अलावा अगर कार बार बार सेल्फ लगाने पर भी आसानी से स्टार्ट नहीं हो रही है, तो यह कई संकेतों में से एक संकेत हो सकता है जिससे यह समझ आता है कि कार के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में कोई खराबी आ गई है। इसके अलावा स्पार्क प्लग और बैटरी के साथ ही फ्यूल इंजेक्टर्स को भी चेक करवाना चाहिए।
स्पीड बढ़ाने में मुश्किल
अगर कोशिश करने के बाद आप अपनी कार को स्टार्ट कर लेते हैं, लेकिन जब भी आप स्पीड को बढ़ाते हैं, तो इसमें भी समय लगता है। अगर ऐसे संकेत आपकी गाड़ी दे रही है तो भी फ्यूल इंजेक्टर्स को चेक करवाना बेहतर रहता है।
साइलेंसर से गंध आना
कार चलाते हुए अगर साइलेंसर से सामान्य से ज्यादा धुआं बाहर निकलने लगता है और कार के केबिन में ईंधन की गंध आने लगती है तो भी फ्यूल इंजेक्टर्स में खराबी हो सकती है।
माइलेज होगा कम
कार को चलाने के लिए निश्चित मात्रा में पेट्रोल की जरूरत होती है। अगर फ्यूल इंजेक्टर खराब हो जाए तो उचित मात्रा में पेट्रोल या डीजल इंजन तक नहीं जा पाता। या कई बार जरूरत से ज्यादा ईंधन की खपत भी होने लगती है। तब भी फ्यूल इंजेक्टर में खराबी आने का खतरा बढ़ जाता है।
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