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    जरूरत से ज्यादा इंजन आयल भी Car के लिए हो सकता है घातक...इन तरीकों से पता करें आपकी गाड़ी की सही लिमिट

    By Sonali SinghEdited By:
    Updated: Tue, 20 Dec 2022 04:00 PM (IST)

    कार में इंजन ऑयल का होना बहुत जरूरी है। यह तय सीमा से कम हो जाए तो इंजन को सीज कर सकता है। वहीं इसका ज्यादा होना भी कई मुसीबतों को न्योता देता है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि इंजन ऑयल के ज्यादा फिल होने पर क्या होता है।

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    Car Engine OIl Overfill, Know Impact, Symptoms and Actual Limit

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हम यह तो जानते हैं कि इंजन ऑयल (Engine Oil) किसी भी गाड़ी के इंजन के लिए बहुत जरूरी होता है। यह इंजन को आसानी से काम करने के लिए आवश्यक ल्यूब्रीकेंट उपलब्ध कराता है। ज्यादातर लोगों को पता होता है कि कम इंजन ऑयल का होना यानी कि इसके खराब होने के ज्यादा चांस। इंजन ऑयल के कम हो जाने या सुख जाने से गाड़ी का इंजन सीज हो सकता है और इससे आपको हजारों रुपये की चपत लग सकती है।

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    पर क्या आप जानते हैं कि अगर इंजन में ज्यादा ऑयल डाला जाए तो क्या होगा? इसमें कोई शक नहीं कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा या कम होना नुकसान ही पहुंचाता है। पर सवाल उठता है कि यह आपकी गाड़ी को किस हद तक नुकसान पहुंचा सकता है? तो चलिए जानते हैं कि इंजन ऑयल के ज्यादा होने पर आपकी गाड़ी पर क्या असर होता है।

    कैसा पता करें इंजन ऑयल हो गया है ओवर फिल

    इंजन ऑयल के ओवर फिल होने से कार के इंजन पर होने वाले असर के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि पता कैसे चलेगा कि ऑयल ओवर फिल या ज्यादा भरा जा चुका है। अगर यह काम किसी एक्सपर्ट द्वारा कराया जाए तो उन्हे इसका अंदाजा रहता है, लेकिन अगर आप खुद से इंजन ऑयल फिल कर रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखने से आपका काम हो जाएगा।

    किसी भी कार के इंजन में ऑयल फिल करने वाली जगह पर Min और Max का निशान बना रहता है, जिसे देखकर आपको अंदाजा लग सकता है कि ऑयल को कितना भरना है। वहीं, कुछ कारों में यह हरे और लाल निशान के साथ आता है। कोशिश करें कि इंजन ऑयल को इन दिए गए निशानों के अंदर ही रखें।

    ओवर फिल होने पर इंजन पर पड़ता ये असर

    • अगर आप इंजन ऑयल को ओवरफिल कर दिया है तो सबसे पहला असर इसके क्रैंककेस पर पड़ेगा। इससे क्रैंककेस पर दबाव बढ़ जाता है और क्रैंकशाफ्ट डुबना शुरू कर सकता है। इससे हवा के बुलबुले तेल के ऊपर बन जाते हैं और पंप को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
    • ज्यादा इंजन ऑयल के फिल होने पर इंजन सामान्य से अधिक जोर से आवाज करेगा, जिसमें लिफ्टर से एक खास तरह की टिक-टिककी आवाज भी शामिल है।
    • बहुत बार ऑयल पिस्टन के रिंग के पीछे से कंबशन चेंबर तक पहुंच जात है और अधिक गर्मी के कारण जलना शुरू हो जाता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और इसे पहचनाने के एक ही तरीका है, इंजन से एक अजीब-सी गंध का आना।
    • कई बार इंजन ऑयल स्पार्क प्लग के आस-पास भी आ जाता है, जिससे कार के परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। इस स्थिति में काफर से निकलने वाले धुएं में एक नीला रंग दिखाई देता है। यह उत्सर्जन परीक्षण में आपकी कार को फेल कर सकता है।
    • गंभीर स्थिती में पंप, गॉस्केट और फिल्टर के आसपास के क्षेत्रों से तेल का रिसाव शुरू हो सकता है।
    • ऑयल प्रेशर गेज में सामान्य से अधिक दबाव बनने लगता है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें डैशबोर्ड पोर चेक इंजन या ऑयल वार्निंग लाइट जल जाती है। इससे बचने के लिए किसी एक्सपर्ट से कार के इंजन को दिखाना चाहिए।

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