Mercedes-Benz नाम के पीछे है दिलचस्प किस्सा, 99 साल से दिलों पर राज कर रही लग्जरी कार कंपनी
Mercedes-Benz Name History लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी Mercedes-Benz के शुरू हुए 99 साल हो गए हैं। इनकी गाड़ियां पूरी दुनिया में काफी ज्यादा पॉपुलर है। जिसे खरीदने का सपना तकरीबन हर किसी का होता है। वहीं बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि आखिरकार Mercedes-Benz कंपनी की शुरुआत किस तरह से हुई। आइए जानते हैं कि Mercedes-Benz कंपनी आखिरकार कैसे शुरू हुई।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। 99 वर्षों से लोगों के दिलों पर राज करने वाली कार निर्माता कंपनी Mercedes-Benz अपनी लग्जरी गाड़ियों के लिए जानी जाती है। कंपनी की कार कई बेहतर लुक और एडवांस फीचर्स के साथ आती है। इतना ही नहीं, बहुत से लोगों का सपना होता है कि वह अपनी जिंदगी में एक बार जरूर Mercedes-Benz की कार खरीदें। लेकिन बहुत से लोगों को यह बात नहीं पता कि शुरुआती दौर में Mercedes और Benz एक नाम नहीं थे। इसकी भी अपनी ही एक कहानी है। कंपनी की तब से लेकर अब तक का सफर इतना आसान रहा, जितनी आज यह इतनी पॉपुलर है। आइए जानते हैं कि कैसे Mercedes-Benz की शुरुआत हुई।
ऐसे हुई शुरुआत (Mercedes-Benz History)
कार्ल बेंज ने बनाया मोटरवैगन इंजन
जब इसकी शुरुआत हुई तब 19वीं सदी का दौर था, तब गोटलिब डेमलर और कार्ल बेंज की एक-दूसरे से मुलाकात नहीं हुई थी। तब घोड़ागाड़ी का दौर हुआ करता था। इस दौर में दोनों ही अपनी तरह से कुछ नया करने में लगे हुए थे। गोटलिब डेमलर गैसोलिन से चलने वाले इंजन को बनाने में लगे हुए थे, तो वहीं कार्ल बेंज ऐसा ऑटोमोबाइल इंजन को डेवलप करने में लगे हुए थे जो चार पहियों वाली गाड़ी को सही से संभाल सकें। दोनों ही अपने इस प्रयास में सफर हुए। बेंज प्रयोग में सफल होने के बाद 1883 में अपनी कंपनी Benz & Cie खोली और 1886 में मोटरवैगन के नाम से अपने इंजन का पेटेंट करवाया।
डेमलर ने डेवलप किया लिक्विड पेट्रोलियम व्हीकल
दूसरी तरफ डेमलर भी अपने प्रयोग में सफलता हासील की। उन्होंने अपने दोस्त विल्हेम मेबैक के साथ मिलकर 1890 में डेमलर मोटोरन गेसेलशाफ़्ट (DMG) नाम से कंपनी की शुरुआत की। हाल के समय में विल्हेम मेबैक के नाम से Mercedes-Benz कार का निर्माण करती है। दोनों ने मिलकर एक ऐसा इंजन को बनाया जिसे ट्रॉली से लेकर मोटरसाइकिल तक से जोड़कर चलाया जा सकता था। आगे चलकर दोनों कंपनियों ने मिलकर एक ऐसी कंपनी बनाई जो लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी के रूप में पॉपुलर हुई।
मर्सिडीज और बेंज के एक होने का किस्सा (Mercedes legacy)
कंपनी में Mercedes शब्द जुड़ने के वजह एमिल जेलेनिक नाम के एक बिजनेसमैन थे। एमिल कारों के शौकिन थे, जिन्होंने एक रेसिंग इवेंट के दौरान डेमलर-बेंज की 36 कारों को खरीद लिया। इन गाड़ियों को खरीदने से पहले उन्होंने डेमलर-बेंज के सामने एक शर्त रखी, जिसकी वजह से आज यह कंपनी Mercedes-Benz के नाम से काफी पॉपुलर है। उन्होंने शर्त रखी थी कि अगर कंपनी अपने नाम के आगे उनकी बेटरी मर्सिडीज जेलिनेक जोड़ दें तो यह डील पक्की हो जाएगी। इस शर्त को मानते हुए कंपनी के नाम के आगे 1902 में Mercedes नाम को जोड़ दिया गया। इस तरह से डेमलर-बेंज का नाम Mercedes-Benz पड़ा। हालांकि, इस नाम से पहली कार 1926 में लॉन्च की गई।
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