खरीदने जा रहे हैं सेकंड हैंड कार? 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो लग जाएगा चूना
Second Hand Car Buying Tips जिन लोगों के पास नई कार खरीदने का बजट नहीं होता है वह पुरानी कार को अपना साथी बना लेते हैं। यह उनके बजट में भी होती है। हालांकि पुरानी कार को खरीदते समय आपको कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार में जानते हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में सेकंड हैंड कार का बाजार बढ़ता जा रहा है। हाल के समय में बहुत से लोग नई कार की जगह पर सेकंड हैंड गाड़ी खरीदना पसंद कर रहे हैं। इन्हें खरीदना एक किफायती और स्मार्ट फैसला हो सकता है, लेकिन अगर सही सावधानी न बरती जाए, तो यह आपके लिए बड़ा नुकसान हो सकता है। कई बार लोग सेकंड हैंड कार खरीदते समय ठगी का शिकार हो जाते हैं। जिसे देखते हुए हम यहां पर आपको पांच ऐसी बातों को बता रहें, जिन्हें आपको पुरानी कार खरीदने के दौरान खास ध्यान रखना चाहिए।
1. गाड़ी की पूरी जांच करें
सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले आपको उसे अच्छी तरह से चेक करना चाहिए। खरीदने से पहले आपको कार के इंजन टायर, ब्रेक, सस्पेंशन और बॉडी की जांच करनी चाहिए। अगर आपको कार की ज्यादा तकनीकी जानकारी नहीं है, तो आप किसी भरोसेमंद मैकेनिक को साथ भी ले जा सकते हैं। कार की टेस्ट ड्राइव जरूर करें, ताकि आप इस दौरान इंजन से अजीब आवाज, तेल का रिसाव या बॉडी पर ज्यादा खरोंचें जैसी चीजों को चेक कर सकें।
2. कागजात की सत्यता चेक करें
जिस पुरानी कार को खरीदने जा रही है, उसके कागजात को जरूर चेक करें। आपको कार खरीदने से पहले उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) और सर्विस हिस्ट्री को जरूर देखना चाहिए। कार के RC से आपको गाड़ी के असली मालिक के बारे में पता चलता है। अगर कार पर कोई लोन है, तो उसे चेक करें। अगर कागजात में किसी तरह की गड़बड़ी हो तो समझ जाए कि आपको साथ ठगी हो रही है। आप गाड़ी के नंबर प्लेट के साथ ही VIN नंबर को चेक करके उसकी हिस्ट्री भी देख सकते हैं।
3. गाड़ी की सही कीमत पता करें
आप जिस पुरानी कार की कीमत उसकी उम्र, कंडीशन, मॉडल और मार्केट डिमांड पर निर्भर करती है। कई बार ऐसा होता है कि सेलर ज्यादा कीमत की डिमांड कर लेते हैं। आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर उसी मॉडल की कीमत चेक करें। साथ ही गाड़ी की कंडीशन के हिसाब से कीमत भी तय करें। अगर कीमत बहुत कम है, तो सावधान रहें क्योंकि यह किसी छुपी हुई खामी का संकेत हो सकता है।
4. गाड़ी की हिस्ट्री चेक करें
पुरानी कार की हिस्ट्री जानना बहुत जरूरी होता है। आपको पता करना चाहिए कि गाड़ी पहले कितने मालिकों के पास रह चुकी है या फिर उसका कभी एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है या फिर बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में नुकसान हुआ है। कार की सर्विस रिकॉर्ड को चेक करें ताकि आपको पता चले कि गाड़ी की देखभाल किस तरह से हुई है। अगर गाड़ी बार-बार बिकी है या उसका ज्यादा इस्तेमाल हुआ है, तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए।
5. भरोसेमंद सेलर से खरीदें
सेकंड हैंड कार खरीदते समय हमेशा भरोसेमंद सेलर से ही डील करें। किसी किसी जानने वाले, रजिस्टर्ड डीलर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदें, जो आपको उस पुरानी कार की गारंटी दें। आपको अनजान लोगों से डील करने से बचना चाहिए, खासकर अगर वह जल्दबाजी दिखा रहे हों। सेकंड हैंड कार को खरीदते समय डीलर से वारंटी और सर्विस पैकेज के बारे में पूछें।
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