कार के लिए कितना जरूरी होता है Brake Fluid, कब बदलना होगा सही
कार को सही रखने के लिए ब्रेक फ्लूइड का सही होना जरूरी है। यह हाइड्रोलिक ब्रेक सिस्टम के लिए आवश्यक है। ब्रेक फ्लूइड के खराब होने पर ब्रेक लगाने में परेशानी होती है। इसे हर दो साल या 50,000 किलोमीटर के बाद बदल देना चाहिए। आधुनिक कारों में इसे जल्दी बदलना चाहिए। सर्विसिंग के दौरान ब्रेक फ्लूइड की जांच करवाएं और आवश्यकतानुसार बदलें।

कार में ब्रेक फ्लूइड क्यों है जरूरी। जानें डिटेल।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। कार खरीदने के बाद उसकी सही तरह से देखभाल भी काफी जरूरी होती है। ऐसा न करने पर कई तरह की परेशानी लंबे समय में आने लगती हैं और फिर उनको ठीक करवाने में समय और पैसे दोनों खराब होते हैं। लापरवाही के कारण कुछ समय बाद कार में ब्रेक फ्लूइड खराब या लीक होने लगता है, जिस कारण कार चलाते हुए ब्रेक फेल होने जैसे खतरे बढ़ जाते हैं। कार में ब्रेक फ्लूइड का क्या काम होता है और इसे कब बदलना सही रहता है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
क्यों जरूरी है ब्रेक फ्लूइड
किसी भी कार को रोकने के लिए ब्रेक का ही उपयोग किया जाता है। कार में ब्रेक सही तरह से काम करें इसके लिए ब्रेक फ्लूइड का सही मात्रा में होना काफी जरूरी होता है। दुनियाभर में मिलने वाली कारों में हाइड्रोलिक तरीके से ब्रेक का उपयोग किया जाता है। जिसको सही तरह से चलाने के लिए ब्रेक फ्लूइड की जरूरत होती है। इससे ब्रेक लगाने के लिए सही तरह से प्रैशर बनाया जाता है।
कब आती है समस्या
कार में ब्रेक फ्लूइड जब तक साफ रहता है, तब तक कार में ब्रेक बिना परेशानी काम करते हैं। लेकिन जब यह खराब होने लगता है या फिर इसकी मात्रा कम हो जाती है तो ब्रेक लगाने में परेशानी आने लगती है। जब कार में ब्रेक लगाने के लिए जरूरत से ज्यादा दबाव बनाना पड़ता है, इसके अलावा ब्रेक लगाने में जरूरत से ज्यादा समय लगता है, तब ब्रेक फ्लूइड को जरूर चेक करना चाहिए।
कब बदलें फ्लूइड
जानकारों के मुताबिक कार में आमतौर पर ब्रेक फ्लूइड को दो साल या 50 हजार किलोमीटर के बाद बदल देना बेहतर रहता है। लेकिन आजकल की कारों में एबीएस, ईबीडी, ईएसपी और ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स को दिया जाता है, जिनमें कार खुद से भी ब्रेक का उपयोग करती है। ऐसे में ब्रेक फ्लूइड की उम्र कम हो जाती है। इसलिए इनको ऐसी कारों में और पहले भी बदला जा सकता है।
कैसे बदलना बेहतर
वैसे तो गाड़ी की सर्विस के समय ही ब्रेक फ्लूइड को भी चेक करवाना चाहिए। अगर जरूरत हो तो तभी इसे टॉप-अप या बदल देना चाहिए। लेकिन अगर आप खुद इसे बदलना चाहते हैं, तो मास्टर सिलेंडर में बचे हुए फ्लूइड को खोलकर निकाल देना चाहिए। इसके बाद ब्रेक फ्लूइड को भरना चाहिए और ब्रेक लगाकर एयर को भी बाहर कर देना चाहिए।

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