Car खरीदते समय क्यों होती है Form 30 की जरूरत, नुकसान से बचना है तो साइन करने से पहले चेक कर लें एक-एक डिटेल
Form 30 For Car Buying अगर आप एक गाड़ी खरीदने की सोच रहें है तो आपको बाकी पेपर्स के साथ फॉर्म 30 भी जरूर से चाहिए होगी और इसे RTO के पास जमा करना होता है। तो चलिए इस फॉर्म के अप्लाई कर बारे में जानते हैं। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जब कभी भी हम कार खरीदते हैं तो सारे जरूरी दस्तावेजों के साथ एक खास फॉर्म भी होता है, जो Form 30 के नाम से आता है। यह फॉर्म खरीदार नहीं, बल्कि कार का मालिक RTO के पास जमा करता है और इसके नहीं होने पर कार से किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर आपको कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि गाड़ियों से जुड़े इस फॉर्म की क्या खासियत है और इसमें किस तरह से अप्लाई किया जा सकता है।
क्या है Form 30
1988 के मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, कार बेचते समय RTO के पास सबसे पहले फॉर्म 29 जमा करना होता है। इसके तुरंत बाद फॉर्म 30 को जमा किया जात है। फॉर्म 30 आरटीओ को यह बताता है कि ऑनरशिप का हस्तांतरण ( transfer of ownership) तुरंत किया जाना चाहिए। कार बेचे जाने के 14 दिनों के भीतर फॉर्म 30 को आरटीओ में जमा करना होता है और बिक्री पूरी करने के लिए इस फॉर्म की 2 प्रतियों की आवश्यकता होती है।
इस फॉर्म को चार पार्ट में बांटा गया है। पार्ट-ए कार का ऑनरशिप ट्रांसफर करने वाले विक्रेता के बारे में बताता है, जबकि पार्ट-बी में ट्रांसफरी या खरीदार के बारे में जानकारी दी होती है। पार्ट-सी स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए फाइनेंसर के समझौते के बारे में है, जबकि पार्ट-डी पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा एक आधिकारिक समर्थन है।
कैसे करें अप्लाई
ऑनरशिप ट्रांसफर की जानकारी के लिए भरे जाने वाले RTO फॉर्म के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न स्टेप्स नीचे दिए गए हैं।
स्टेप 1- सबसे पहले सरकार की परिवहन ऐप में जाकर मेनू बार से 'सूचनात्मक सेवाओं' (Informational Services)पर क्लिक करें
स्टेप 2- ड्रॉप डाउन मेनू से 'डाउनलोडेबल फॉर्म' चुनें और मेन्यू से 'ऑल फॉर्म्स' पर क्लिक करें
स्टेप 3- नए पेज के खुलने के साथ फॉर्म 30 को डाउनलोड करें। फिर जीकरण प्राधिकारी का नाम, आवेदक का नाम, पिता / पति का नाम और आवेदक का पता दर्ज करें
स्टेप 4- बेचे गए वाहन की पंजीकरण संख्या लिखें और खरीदार का नाम, उसके पिता/पति का नाम और खरीदार का पता लिखें।
स्टेप 5- सारे डिटेल्स भरकर RTO में जमा करना होगा, जहां आरटीओ में संबंधित प्राधिकरण उनके हस्ताक्षर और तारीख के साथ ही ट्रांसफरर और फाइनेंसर के नाम का भी उल्लेख कर देगा।
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