क्या पुराने वाहनों में डाल सकते हैं E20 पेट्रोल? गाड़ी के इंजन पर कैसा होगा असर; जानिए इसके सभी नफा-नुकसान
गाड़ियों में E20 फ्यूल का उपयोग कई मायनो में फायदेमंद साबित होता है। ऐसे में ये सबसे बड़ा सवाल है कि E20 फ्यूल को पुरानी E10 फ्यूल वाली गाड़ियों में इस्तेमाल किया जा सकेगा या फिर नहीं। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने लिए नई-नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसी को लेकर हाल में वाहनों से जुड़े BS6 फेज-2 नियमों को लागू किया गया है। साथ ही सरकार गाड़ियों में E20 फ्यूल का उपयोग करने के लिए कह रही है। अपने इस लेख में हम इसके बारे में ही जानेंगे। हम पता लगाएंगे कि E20 फ्यूल क्या होता है और ये हमारे वाहन के लिए कितना सही साबित हो सकता है।
क्या है E20 फ्यूल
आसान भाषा में समझा जाए तो E20 में 80 प्रतिशत पेट्रोल होता है और 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित किया जाता है। अभी तक देश में बेचे जा रहे पेट्रोल में केवल 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाया जाता है। एथिल अल्कोहल यानी कि इथेनॉल (C2H5OH) एक जैव ईंधन है जिसे शुगर फार्मेंटिंग से बनाया जाता है। आइए पेट्रोल गाड़ियों में होने वाले इसके फायदे के बारे में जान लेते हैं।
E20 फ्यूल के फायदे
गाड़ियों में E20 फ्यूल का उपयोग कई मायनो में फायदेमंद साबित होता है। एक तो इसकी मदद से पेट्रोल इंजन द्वारा होने वाला उत्सर्जन भी कम होता है। इसके चलते लोग बायोफ्यूल को तेजी से अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 20 प्रतिशत एथिल अल्कोहल यानी कि इथेनॉल का मिश्रण करने के बाद सीधे तौर पर देश में पेट्रोल का इतना ही आयात बच जाएगा। ऐसे में देशी मुद्रा-निकासी आयात पर निर्भरता भी कम हो जाएगी। देश में फॉसिल फ्यूल की मांग घटने से आर्थिक लाभ होना भी तय है।
क्या पुराने वाहनों में डाल सकते हैं E20 फ्यूल?
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि E20 फ्यूल को पुरानी E10 फ्यूल वाली गाड़ियों में इस्तेमाल किया जा सकेगा या फिर नहीं। जानकारों का कहना है, अगर आप पुरानी गाड़ियों (E10 फ्यूल वाली) में E20 फ्यूल का उपयोग करेंगे तो इनके माइलेज पर असर पड़ सकता है।
इसके चलते ही वाहन निर्माता कंपनियों ने पोर्टफोलियो की सभी गाड़ियों को अपडेट करना शुरू कर दिया है। एक रिपार्ट के मुताबिक अगर आप E10 फ्यूल वाली कार में E20 फ्यूल का उपयोग करते हैं तो इसमें 6 से 7 प्रतिशत कम माइलेज मिलेगा वहीं बाइक में ये आंकड़ा 3 से 4 प्रतिशत के करीब है।