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CNG KIT लगवाने के साथ ही करें ये दो काम वरना बाद में हो जाएंगे परेशान, कट भी सकता है चालान

कुछ लोग बाहर से सीएनजी किट लगवाने के बाद बड़ी गलतियां कर देते हैं। जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस पॉलिसी में सीएनजी किट को नहीं चढ़वाते हैं। ऐसा करना उनके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है और इसके कारण उनका चालान भी कट सकता है। (जागरण फोटो)

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediPublished: Thu, 23 Mar 2023 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 06:00 PM (IST)
CNG KIT लगवाने के साथ ही करें ये दो काम वरना बाद में हो जाएंगे परेशान, कट भी सकता है चालान
CNG KIT लगवाने के साथ ही करें ये दो काम वरना बाद में हो जाएंगे परेशान

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में सीएनजी गाड़ियों की डिमांड दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ते जा रही है। आपको बता दें, लगभग 10 लाख रुपये से कम के सेगमेंट में अधिकतर लोग सीएनजी कार को खरीदना पसंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं मारुति और टोयोटा जैसी वाहन निर्माता कंपनियां अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी ग्रैंड विटारा, ब्रेजा और हाई राइडर जैसी एसयूवी में भी सीएनजी का ऑप्शन दे रही है। वहीं सीएनजी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि वर्तमान के समय में पेट्रोल -डीजल के मुकाबले सस्ती है और माइलेज भी अधिक मिल जाती है।

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रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस पॉलिसी

लोग इन्ही सब फायदों के चलते अपनी कार में बाहर से सीएनजी लगवा लेते हैं। इससे कार की माइलेज 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। हालांकि कुछ लोग बाजार से सीएनजी किट लगवाने के बाद कुछ बड़ी गलतियां कर देते हैं। जैसे वे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस पॉलिसी में सीएनजी किट को नहीं चढ़ाते हैं। ऐसा करना उनके लिए गलत हो सकता है और इसके कारण आपकी मुश्किले बाद में और भी बढ़ सकती है। कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है। इसलिए सबसे जरूरी है कि आप किट लगवाने के बाद RC और बीमा पॉलिसी में सीएनजी किट को जरूर चढ़वाएं। अगर आप बाहर से सीएनजी किट लगाते हैं तो आपके सामने ये तीन स्थितियां आ सकती है।

रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

अगर सीएनजी किट की जानकारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर दर्ज है, लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी में इसका जिक्र नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप एक्सीडेंट होने पर जब आप क्लेम दर्ज करते हैं तो इंश्योरेंस कंपनियां आपको क्लेम देंगी लेकिन आपको ये क्लेम पूरा नहीं मिलेगा। क्लेम सेटल्ड और नॉन स्टैंडर्ड पर बेस्ड होगा। कंपनी करीब क्लेम की टोटल राशि 25 प्रतिशत तक काट सकती है।इसलिए जरूरी है सीएनजी को बीमा से जुड़वाना ।

इंश्योरेंस पॉलिसी

आपको लिए एक दूसरी स्थिति ये बन जाएगी कि अगर सीएनजी किट की जानकारी इंश्योरेंस पॉलिसी में है, लेकिन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर जिक्र नहीं है तो ऐसी स्थिति के लिए अलग-अलग नियम है। जैसे कुछ कंपनिया कुछ हिस्सा काटकर क्लेम की रकम देती है और कुछ तो क्लेम को सीधा रिजेक्ट कर देती है। इसलिए इंश्योरेंस कराने से पहले कंपनी से पूरी जानकारी लें।

कट सकता है चालान

अगर सीएनजी किट की जानकारी न रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज है और न पॉलिसी में दर्ज है तो ऐसी स्थिति में आपका एक्सीडेंट हो जाता है तो बीमा कंपनी किसी तरह के क्लेम  का भुगतान नहीं करेगी। इसके अलावा आप बाहर से सीएनजी लगावकर बिना रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराए करते हैं तो ये गैरकानूनी होता है। इसके लिए आपका चालान भी कट सकता है।


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