गैस लीकेज के हादसों को रोकने के लिए 9वीं की छात्रा ने तैयार किया स्टोव विद पासवर्ड मॉडल,जानें कैसे करता है काम
एलपीजी सिलेंडर एवं स्टोव से गैस रिसाव होने के कारण घर में आग लगने की संभावना रहती है। इसकी चपेट में आकर लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। गैस रिसाव को रोकने के लिए बोकारो की काजल ने स्टोव विद पासवर्ड नामक एक मॉडल तैयार किया है।
राममूर्ति प्रसाद, बोकारो: एलपीजी सिलेंडर एवं स्टोव से गैस रिसाव होने के कारण घर में आग लगने की संभावना रहती है और इसमें कई बार लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। एलपीजी सिलेंडर और स्टोव से गैस रिसाव पर रोक लगाने के लिए एमजीएम हायर सेकेंड्री स्कूल के नौंवी कक्षा की छात्रा काजल ओझा ने स्टोव विद पासवर्ड से संबंधित मॉडल तैयार किया है।
पासवर्ड के जरिए लॉक कर दिया जाता है स्टोव कैबिनेट
स्टोव के कैबिनेट को पासवर्ड के जरिए लॉक कर दिया जाता है। सही पासवर्ड से कैबिनेट खुल जाएगा। इसके बाद लोग स्टोव पर भोजन तैयार कर सकेंगे।
गलत पासवर्ड से कैबिनेट का नाब नहीं खुलेगा। इसके साथ ही इसकी सूचना संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी।
गैस रिसाव की संभावना को किया जा सकता है कम
इससे व्यक्ति को तुरंत पता चल जाएगा कि कोई स्टोव के नाब को खोलने का प्रयास कर रहा है। इस विधि से स्टोव से गैस रिसाव की संभावना को कम किया जा सकता है।
काजल के इस मॉडल का चयन राज्य स्तरीय इंस्पायर मानक अवार्ड के लिए किया गया है। सरकार की ओर से इन्हें इस मॉडल को विकसित करने के लिए दस हजार रुपए प्रदान किया गया है।
छह महीने में तैयार किया मॉडल
काजल ओझा ने कहा कि टेलीविजन पर एलपीजी सिलेंडर व स्टोव से गैस रिसाव से दुर्घटना से संबंधित समाचार देखा। इसमें कई घरों को भी नुकसान हुआ था। इसके बाद एलपीजी सिलेंडर व स्टोव से गैस रिसाव पर रोक लगाने से संबंधित विचार आया।
इस संबंध में स्कूल की विज्ञान शिक्षिका ममता कुमारी से बातचीत की। उनके सहयोग से छह माह की मेहनत के बाद स्टोव विद पासवर्ड से संबंधित मॉडल तैयार किया है।
तीन हजार की लागत में बनकर तैयार हुआ मॉडल
उन्होंने कहा कि इसमें चार बाई चार की पैड, एलसीडी, बजर, आड्रिनो बोर्ड, ब्रेड बोर्ड, जंपर वायर, जीएसएम, बैट्री, पोटेंसियोमीटर, रेजिस्टर आदि का प्रयोग किया। इसमें लगभग तीन हजार रुपए खर्च हुए।
कैसे काम करता है स्टोव विद पासवर्ड मॉडल
काजल ने कहा कि गैस स्टोव की बाई ओर कीपैड लगा होता है। इसके निकट एलसीडी लगाया जाता है। गैस स्टोव को एक कैबिनेट के अंदर रखा जाता है। कैबिनेट के अंदर ही एक नाब होता है। इस नाब को पासवर्ड से लॉक किया जाता है। कीपैड पर सही पासवर्ड अंकित होने से कैबिनेट के ऊपर लगा मोटर 90 डिग्री घूम जाता है और कैबिनेट खुल जाता है।
कैबिनेट खुलने के बाद ही स्टोव पर भोजन तैयार किया जा सकता है। की बोर्ड पर जो भी नंबर टाइप किया जाता है, वह एलसीडी में डिस्प्ले होता है। अगर कोई व्यक्ति की बोर्ड पर गलत पासवर्ड अंकित करेगा तो एलसीडी पर गलत पासवर्ड अंकित होगा और बजर बजने लगेगा।
इसकी सूचना भी एप के माध्यम से संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर चली जाएगी। अगर संबंधित व्यक्ति घर से बाहर भी है तो उसे यह पता चल जाएगा कि कोई गैस स्टोव के कैबिनेट खोलने का प्रयास कर रहा है। वह सतर्क हो जाएगा। घर आकर इससे संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगा। यह विधि एलपीजी सिलेंडर व स्टोव से गैस रिसाव पर रोक लगाने में कारगर सिद्ध होगी।
गैस रिसाव रोकने की दिशा में साबित होगा कारगर कदम
विज्ञान शिक्षिका ममता कुमारी ने कहा कि कई बार ऐसा देखा जाता है कि बच्चे भी गैस स्टोव को ऑन कर देते हैं। कभी-कभार लोग गैस सिलेंडर के नाब को ऑफ करना भूल जाते हैं। ऐसे में गैस रिसाव से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इस विधि से इसपर रोक लगाई जा सकती है।
बाल वैज्ञानिक काजल ने स्टोव विद पासवर्ड से संबंधित मॉडल तैयार किया है। स्कूल में अटल टिंकरिंग लैब में भी इस पर काम किया गया। यह गैस रिसाव पर रोक लगाने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा।
राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित
एमजीएम हायर सेकेंड्री स्कूल बोकारो के प्रधानाअध्यापक फादर रेजी सी वर्गीस ने कहा कि स्कूल की छात्रा काजल ने स्टोव विद पासवर्ड से संबंधित मॉडल तैयार किया है।
यह एलपीजी सिलेंडर व स्टोव से गैस रिसाव रोकने में सहायक सिद्ध होगा। इसे और भी बेहतर तरीके से विकसित करने का प्रयास हो रहा है। काजल के इस मॉडल को राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।